बरसों से हम सुन रहे हैं कि पेशावर में जो दिलीप कुमार का घर था उसे वहां की सरकार म्यूज़ियम बनाएगी। उसका पता नहीं क्या हुआ। लेकिन अब मुंबई में दिलीप कुमार के पाली हिल वाले बंगले में उनका म्यूज़ियम बनने की खबर आई है। कहा जा रहा है कि बंगले के एक हिस्से में म्यूज़ियम बनेगा जिसमें दिवंगत अभिनेता से संबंधित दिलचस्प किस्से और उनकी दुर्लभ तस्वीरें प्रदर्शित की जाएंगी।
बताया जाता है कि उनके परिजनों ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक बिल्डर से साझेदारी की है। परिजनों के बीच इस संपत्ति को लेकर खासा विवाद रह चुका है जो अदालत तक गया था और कई बरसों में सुलट पाया था। म्यूज़ियम के अलावा यहां ग्यारह मंज़िलों में फ़्लैट बनेंगे जिनसे लगभग 900 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। साफ़ है कि यह कथित म्यूज़ियम एक प्राइवेट और कमर्शियल प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा। लेकिन क्या हम दिलीप कुमार जैसी देश की बड़ी फ़िल्मी हस्तियों पर ऐसे ही म्यूज़ियम की अपेक्षा करते हैं? क्या खुद फिल्म उद्योग को अपनी तरफ़ से ऐसे लोगों के लिए किसी बड़े म्यूज़ियम की कल्पना और पहल नहीं करनी चाहिए?