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एक या दो नहीं बल्कि 180 अपराधों में जेल की सजा से छुट्टी

भोपाल। भारत सरकार के 42 मंत्रालयों के 48 कानूनों के 182 प्रावधानों में संशोधन करके मोदी सरकार के जन विश्वास विधेयक को संसद से पारित होने के हफ्ते भर के भीतर ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देश में निर्मित कफ सिरप को जानलेवा घोषित कर दिया ! मोदी सरकार ने दावा निर्माताओं को राहत के नाम पर दवाओं में मिलावट पर जेल की सज़ा को खत्म कर दिया हैं। यानि कि अब मिलावट से अगर लोगों की मौत भी होती है तब भी उन पर फ़ौजदारी कानून के तहत मुकदमा नहीं चलेगा। क्यूंकि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के तहत, मिलावटी खाद्य पदार्थों, पेय अथवा दवाओं में मिलावट से होने वाली मौत को गैर नियत की हत्या का अपराध माना जाता हैं। परंतु वर्तमान विधि के प्रभाव में आने के उपरांत अब ऐसे मामलों को जन विश्वास विधि के प्रविधानों के अंतर्गत मुकदमा चलाया जाएगा। जिसमें मिलावट के कारण हुई मौतों पर मात्र जुर्माने की ही सज़ा का विधान हैं।

कुछ समय पूर्व हिमाचल की कंपनियों द्वारा बनाए गए कफ सिरप से अफ्रीका के कई देशों में बच्चों की मौतंे हुई थी। जिनकी शिकायत संयुक्त राष्ट्र संघ की विश्व स्वास्थ्य संगठन से की गयी थी। तब संबन्धित कंपनियों की जांच करके उनके इस दावा के उत्पादन पर रोक लगाई गयी थी। हालांकि अफ्रीका में बच्चों की हुई मौतों पर उन देशों ने अपने यहां और न ही भारत में दोषी कंपनियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की थी।

कोरोना काल के बाद भारतीय कंपनियों ने विदेशों को काफी दवाएं निर्यात की थी। परंतु गुणवत्ता की दृष्टि से वे काफी अमानक स्तर की पायी गयी। पिछले 10 दस माह में डबल्यूएचओ द्वारा भारतीय दवाओं पर पांचवी बार प्रतिबंध लगाया है। इस बार शिकायत अरब देश इराक़ से आई है। जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रतिबंध की कार्रवाई की है। इसका कारण है कि डबल्यूएचओ दवाओं की जांच का मानक संयुक्त राज्य अमेरिका की संस्था के मानकों के आधार पर करती है। जो विश्व में सब जगह मान्य है। परंतु अनेक भारतीय दवा कंपनी अमेरिकी जांच संघठन के स्तर पर असफल हो जाती है। इसीलिए अनेक भारतीय कंपनियों के खिलाफ अमरीका में मुकदमें भी चले हैं और उन्हंे दंडित भी किया गया है। भारी भरकम जुर्माने और क्षतिपूर्ति के दावों से अनेक भारतीय दवा कंपनियों को वहां से अपना धंधा भी समेटना पड़ा था।
इस बार शिकायत तामिलनाडु की दवा निर्माता फोर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड की महाराष्ट्र स्थित इकाई में बनने वाली कफ सिरप कोल्ड आउट में पैरासीटामाल और क्लोरोफेनिरामन फलीयट मिलकर बनती है। इसका इस्तेमाल जुकाम और एलर्जी से निजात पाने के लिया किया जाता है। इराक़ से शिकायत मिलने पर प्रयोगशाला में जांच कराई गयी। वहां दवा में एक रसायन की मात्रा नियत मात्रा से अधिक पायी गयी जो दवा इस्तेमाल करने वाले के स्वास्थ्य के लिय खतरनाक हो गया था।

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