भोपाल। जिस तरह से पूरे देश में सनातन पर बहस छिड़ गई है उससे अब राजनीतिक दल अपने आप को सनातनी परंपरा का निर्वहन करने वाला बताने के लिए सनातन पथ का अनुगमन करने लगे हैं। प्रदेश में “करो या मरो” की तर्ज पर चुनाव लड़ने जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने गणेश चतुर्थी का मुहूर्त देखकर “जन आक्रोश यात्रा” का इसी दिन श्री गणेश करने का निर्णय लिया है। यह भी खबरें आ रही है कि अब पितृपक्ष में दोनों दल प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं करेंगे। भाजपा दूसरी सूची पहले और तीसरी सूची पितृपक्ष के बाद जारी करेगी जबकि कांग्रेस ने तो लगभग तय ही कर लिया है कि उसकी सूची नवरात्रि के प्रारंभ में आएगी क्योंकि 5 अक्टूबर तक “जन आक्रोश यात्रा” के माध्यम से एक बार फिर दावेदारों की शक्ति का अंदाजा लगाया जाएगा।
दरअसल, शनिवार को राजधानी के एक बड़े होटल में कांग्रेस की पत्रकार वार्ता हुई है। जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, अशोक सिंह, शोभा ओझा, पीयूष बबेले और राजीव सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने “जन आक्रोश यात्रा” के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। 19 सितंबर गणेश चतुर्थी से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक चलेगी। 15 दिन के अंदर यह यात्रा 230 विधानसभा क्षेत्र तक पहुंचेगी। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता सभाओं के माध्यम से प्रदेश में राशन वितरण, खाद बीज घोटाला, भर्ती घोटाला जैसे घोटालों को जनता के बीच ले जाएंगे और जनता से प्रदेश के भविष्य को अच्छा बनाने के लिए समर्थन मांगेंगे। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा का अब मूल चेहरा नहीं रहा। अब जो चेहरे हैं बनावटी, दिखावटीस मिलावटी और सजावटी। उन्होंने कहा कि भाजपा सनातन धर्म की बात कर रही है। भारत सनातन धर्म का देश ह।ै सनातन धर्म क्या कहता है यह हमें समझना है। भाजपा का प्रयास है ध्यान मोड़ना। सनातन धर्म क्या कहता है यह हमें समझना है। 2019 के चुनाव में सर्जिकल स्ट्राइक में राष्ट्रवाद के मुद्दे लाए थे। बीजेपी का प्रयास है कैसे एजेंडा बदलें और ध्यान मोड़ दें। प्रदेश प्रभारी रणधीर सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता में भयंकर जन आक्रोश है क्योंकि शिवराज सरकार ने पहले किसने की आमदनी कम कर दी फिर फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने में गोलियां उतार दी।
कांग्रेस की “जन आक्रोश यात्रा” सात स्थान से शुरू होगी और इसके सात प्रभारी भी बनाए गए हैं। पहली यात्रा ग्वालियर चंबल क्षेत्र की होगी जो श्योपुर से राजगढ़ तक जाएगी। जिसके प्रभारी नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह होंगे। दूसरी यात्रा बुंदेलखंड क्षेत्र में होगी जो जबेरा से शुरू होकर हुजूर विधानसभा तक चलेगी और इसके प्रभारी अरुण यादव होंगे। तीसरी यात्रा भिंड क्षेत्र में निकाली जाएगी जो चितरंगी से शुरू होकर पन्ना तक जाएगी और इस यात्रा के प्रभारी कमलेश्वर पटेल होंगे। चौथी यात्रा विन्ध्य महाकौशल क्षेत्र में होगी जो सिमरिया से शुरू होकर सिलवानी तक जाएगी और इसके प्रभारी अजय सिंह होंगे। पांचवी यात्रा मध्य भारत क्षेत्र में होगी जो हरदा से शुरू होकर होशंगाबाद में समाप्त होगी। इसके प्रभारी सुरेश पचौरी होंगे। छठवीं यात्रा निर्माण क्षेत्र में होगी जो खरगोन से शुरू होकर सोनकक्ष तक चलेगी और इसके प्रभारी कांतिलाल भूरिया होंगे और सातवीं यात्रा मालवा क्षेत्र की होगी जो मंदसौर से शुरू होकर इछावर तक चलेगी। इस यात्रा के प्रभारी जीतू पटवारी होंगे।
कुल मिलाकर कांग्रेस ने भाजपा की “जन आशीर्वाद यात्रा” का जवाब देने के लिए “जन आक्रोश यात्रा” निकलने का फैसला किया है जो एक तरफ भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के काम आएगा। वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर सभी नेताओं को अपनी शक्ति प्रदर्शन का मौका भी मिलेगा और जिस विधानसभा क्षेत्र से यात्रा गुजरेगी वहां के टिकट के दावेदारों को अपनी ताकत दिखाने का फाइनल मौका भी मिलेगा। माना तो यहां तक जा रहा है “जन आक्रोश यात्रा” में दिखाई ताकत किसी भी दावेदार को अंतिम दौड़ में टिकट दिलाने का माध्यम हो सकती है और शायद यही कारण है कि 5 अक्टूबर के बाद ही कांग्रेस की पहली सूची उम्मीदवारों की आएगी।
जाहिर है चुनाव के ठीक पहले सनातन परंपरा पर शुरू हुई बहस में एक तरफ जहां सनातनी परंपरा का अनुगमन राजमार्ग जैसा दिखाई देने लगा है वहीं दूसरी तरफ मुहूर्त में निर्णय लेने की परंपरा भी शुरू हो गई है।