राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

ऑक्सीजन से कम नहीं आशीर्वाद

भोपाल। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं आशीर्वाद की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। हर किसी को आशीर्वाद चाहिए। दलों को सरकार बनाने का आशीर्वाद चाहिए। उम्मीदवार को चुनाव जीतने का आशीर्वाद चाहिए। इसके पहले सभी को पार्टी का टिकट का आशीर्वाद चाहिए। सभी आशीर्वाद की लाइन में खड़े हैं और जैसे सीरियस मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। वैसे ही इस समय नेताओं को आशीर्वाद की आवश्यकता है।

दरअसल, आशीर्वाद का महत्व युगों युगों से प्रतिपादित होता आया है। मार्कंडेय ऋषि अल्पायु होने के बावजूद शिव के आशीर्वाद से अजर अमर हो गए। यहां तक की हस्तिनापुर की राजगद्दी से बंधे होने के कारण कौरवों के साथ युद्ध करने वाले भीष्म पितामह ने जीत का आशीर्वाद पांडवों को दिया था। सभी जानते हैं पांडवों की विजय हुई थी क्योंकि यह आशीर्वाद धर्म की स्थापना के लिए था। लोकतंत्र में चुनाव एक ऐसा माध्यम है जिसमें मतदाता को राजा को रंक और रंक को राजा बना देने का आशीर्वाद देने की शक्ति प्राप्त है। शायद यही कारण है कि अब सभी अपना अहम रुतबा एक तरफ रखकर मतदाता के पास आशीर्वाद लेने की कतार में शामिल हो गए।

बहरहाल, भाजपा जहां 39 प्रत्याशियों को घोषित करके उन्हें जनता के बीच आशीर्वाद देने के लिए भेजा है। वहीं पूरी पार्टी इस समय प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल हो गई है। रविवार को चित्रकूट में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने जन आशीर्वाद यात्रा को हरी झंडी देकर रवाना किया। वहीं ऐसा अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने इंडिया गठबंधन को घमंडिया गठबंधन का नया नाम दिया। उन्होंने कमलनाथ को करप्ट नाथ बताते हुए उनकी सरकार भ्रष्टाचार से युक्त सरकार बताई। उन्होंने मध्यप्रदेश को उत्तम राज्य बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी। साथी भारत दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनेगा। इसकी गारंटी भी दी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर जनता को आगह किया कि वह कांग्रेस के झूठे वादों में ना आए। वहीं प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि 2003 में कांग्रेस की मिस्टर बंटाधार का मध्यप्रदेश में दौर था भाजपा ने इसे विकसित बनाया। भाजपा पहली बार एक साथ पांच यात्राएं निकाल रही हैं। 3 सितंबर को पहली यात्रा शुरू हो चुकी है। 4 सितंबर को दूसरी नीमच से शुरू होगी, 5 सितंबर को तीसरी मंडला से शुरू होगी, 5 को ही चौथी श्योपुर से शुरू होगी और 6 सितंबर को पांचवी यात्रा खंडवा से शुरू होगी। इन यात्राओं के माध्यम से भाजपा राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा किए गए जन कल्याणकारियों की चर्चा करेगी एवं विपक्षी दल कांग्रेस की खामियां उजागर करेगी और जनता से आशीर्वाद मांगेगा कि वह फिर से भाजपा की सरकार बनाने के लिए मतदान के माध्यम से अपना आशीर्वाद प्रदान करें। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी जनता से आशीर्वाद लेने के लिए 15 सितंबर तक हर विधानसभा में 50000 घरों तक पहुंचेगी चेतन सभाएं भी होगी। इसमें 50% कमीशन और भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप पत्र घर-घर बटते जाएंगे इसलिए पार्टी ने पूरी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।

कुल मिलाकर आशीर्वाद लेने की होड़ में सभी शामिल हो गए हैं क्योंकि बिन आशीर्वाद नहीं उद्धार का मूल मंत्र सभी को समझ में आ गया है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में जिस तरह से टिकट के लिए नेताओं के आशीर्वाद की आकांक्षा में दिन-रात डेरा डालें प्रदेश भर से आए नेताओं की स्थिति से समझा जा सकता है कि आशीर्वाद भी सहज ही नहीं मिलता उसके लिए बहुत त्याग तपस्या और जोड़-तोड़ की जरूरत पड़ती है और आशीर्वाद की आवश्यकता इतनी यदि अपने परंपरागत दल ने आशीर्वाद नहीं दिया तो फिर प्रतिद्वंदी दल से भी आशीर्वाद देने में कोई संकोच नहीं है क्योंकि आशीर्वाद तब ऑक्सीजन की तरह हो गई है। खासकर जिस तरह से कौन अकाल में ऑक्सीजन की आवश्यकता थी ऐसे ही समय हर किसी को आशीर्वाद के व्रत है जहां से मिलेगा जैसे मिलेगा उसी प्राप्त करने के लिए हर जतन करने में हर कोई जुट गया है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें