भोपाल। एक तरफ जहां सदस्यता अभियान के माध्यम से भाजपा अपना जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयासरत है वहीं दूसरी ओर गुटबाजी के चलते भाजपा के नेता ही पार्टी की मुश्किलों को बढ़ा रहे हैं। बिना क्षेत्र में जिस तरह से भाजपा सांसद और विधायक के बीच बयानबाजी चल रही है उस पार्टी की क्षेत्र में किरकिरी हो रही है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद प्रदेश में भाजपा सदस्यता अभियान के माध्यम से अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए बेताब है उन बूथों पर भी भाजपा फोकस बनाए हुए हैं जहां उसे अब तक जीत हासिल नहीं हो पाई है। महिलाओं की सदस्यता बढ़ने पर भी जोर दिया जा रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश में कुछ जगहों पर भाजपा नेता ही पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाले कम कर रहे हैं। पिछले दिनों सागर जिले के कोर ग्रुप के नेताओं की मुख्यमंत्री निवास पर बैठक हुई थी और जिसमें सभी से समाजसय बनाकर पार्टी का काम करने के लिए कहा गया था। चंबल और मालवा क्षेत्र में भी समझाइश दी जा चुकी है। अब विंध्य क्षेत्र क्षेत्र में भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा और भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच जिस तरह से बयानबाजी हो रही है। उससे पार्टी के न केवल सदस्यता अभियान पर असर पड़ रहा है वरन पार्टी की किरकिरी भी हो रही है।
बहरहाल, सांसद जनार्दन मिश्रा ने जिस तरह से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी को लेकर जो बयान दिया है उसके बाद श्रीनिवास तिवारी के पोते और भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी भी सीधे तौर पर सामने आ गए सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि श्रीनिवास तिवारी के कार्यकाल में एक भी गड्ढा नहीं भरा गया लेकिन आज यदि सड़कों में एक गड्ढा हो जाए तो अखबारों में शिकायत आने लगती है यही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीवास्तव तिवारी के समय लूट भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी होती थी सांसद मिश्रा के लगातार एक के बाद एक आ रहे बयानों के बाद श्रीनिवास तिवारी के पोते और भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी जिन्होंने 18 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी अब भाजपा सांसद के खिलाफ मुखर हो गए हैं सिद्धार्थ तिवारी का साफ कहना है कि किसी व्यक्ति के दिवंगत होने के बाद उनके बारे में अभद्र टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने कहा कि संसद का बयान निंदनीय है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्यों उन्हें टारगेट किया जा रहा है उन्होंने कहा कि अगर कोई नाराजगी है तो सीधे उनसे बात करनी चाहिए उन्होंने अपने दादा श्रीनिवास तिवारी के राजनीतिक जीवन और रीवा में किए गए कार्यों की प्रशंसा की और कहां की उन्होंने पार्टी फोरम में अपनी शिकायत दर्ज कराई है उन्होंने कहा कि उनके दादा ने अपने राजनीतिक जीवन के 75 साल जनता की सेवा में बताएं और उनकी उपलब्धियां की गवाही रीवा के लोग दे सकते हैं।
कुल मिलाकर विन्ध्य क्षेत्र में भाजपा नेताओं के बीच एक बार फिर से टकराहट बढ़ गई है इस क्षेत्र में भाजपा नेताओं की आपस में टकराहट कोई नई बात नहीं है केदार शुक्ला और रीति पाठक की टकराहट का अंत केदार शुक्ला की पार्टी से बगावत के बाद ही उपाय था। इसी तरह अभय मिश्रा भी पार्टी छोड़कर अब कांग्रेस के विधायक हैं ऐसे और भी उदाहरण है ऐसे में सांसद जनार्दन मिश्रा और विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच जो बयान युद्ध शुरू हो गया है उसे पर यदि समय रहते पार्टी हाई कमान ने विराम नहीं लगाया तो फिर कोई बड़ी बगावत इस क्षेत्र में हो सकती है।