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सड़क से सदन तक कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन…

Image Source: ANI

भोपाल। विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश में फिर से सक्रिय हो गई है। शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कांग्रेस में एक तरफ जहां सड़क पर प्रदर्शन किया। वहीं सदन के अंदर हंगामा करते हुए वाकआऊट कर दिया। सदन की कार्रवाई मंगलवार सुबह 11:00 तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दरअसल, कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार की हताशा से उबरने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पिछले माह ही अपनी कार्यकारिणी घोषित कर पाए और उसके बाद प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई। इसके लिए शीतकालीन सत्र का पहला दिन चुना गया। पिछले एक बार से प्रदेश पदाधिकारी और जिले के प्रभारी गांव – गांव में बैठकें करके प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस ने विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था लेकिन राजधानी के जवाहर चौक पर कांग्रेस नेताओं ने एक बड़ी सभा की और सभा के बाद कांग्रेस नेताओं ने मंच पर ही गिरफ्तारी दे दी।

वहीं से उन्हें रिहा भी कर दिया गया। इसके लिए पुलिस का भी कहना था कि विधानसभा का सत्र चल रहा है, धारा 144 लागू है, ऐसे विधानसभा की ओर जाना निषेध है। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने मंच पर गिरफ्तारी देकर और रिहा होकर कांग्रेस नेता की आष्टा में खुदकुशी करने वाले मनोज परमार के बच्चों से मिलने आष्टा के लिए रवाना हो गए। इसके पहले सभा में कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमले किए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान घोटाला प्रदेश की हो गई है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि लूट, खसोट, अत्याचार, कर्ज क्राईम और करप्शन की सरकार चल रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की बात की है जो देश की आवश्यकता है। देश के संसाधनों में सबसे पहला अधिकार गरीबों का है। जाति का जनगणना गरीब और अमीर के बीच पोस्टमार्टम है। पटवारी ने सभी उपस्थित कांग्रेसजनों को शपथ दिलाई कि हम जातिगत जनगणना के माध्यम से सामाजिक न्याय और समानता की स्थापना के लिए कटिबद्ध है।

सभा को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पवन खेड़ा, अलका लांबा ने भी संबोधित किया। सभा के बाद कांग्रेस नेता आष्टा के लिए रवाना हो गए। कांग्रेस नेताओं में इस दौरान सरकार पर आरोप भी लगाया कि प्रदर्शन में शामिल होने राजधानी भोपाल आ रहे कांग्रेसियों को जगह-जगह रोका गया।

बहरहाल, एक तरफ कांग्रेसजन जहां राजधानी भोपाल में सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए आ रहे थे, वहीं दूसरी ओर सदन के अंदर प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस ने हंगामा करते हुए वाकआउट कर दिया। ध्यान आकर्षण के बाद सदन की करवाई मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार शून्य काल में खाद संकट पर बात करना चाहते थे। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बांग्लादेश का मुद्दा उठा दिया। जिस पर कांग्रेस ने कहा सरकार खाद संकट पर चर्चा ही नहीं करना चाहती।

इसके बाद कांग्रेस ने हंगामा करते हुए वारआउट कर दिया। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर के माल्थोन के एक स्कूल में बच्चों के और सेशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं कई स्कूलों में हो रही है। आशा की शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर व्यापार चल रहा है। भूपेंद्र सिंह ने स्कूल शिक्षा मंत्री से कहा जो जवाब सदन में दिया जाए उसे चेक कर क्लियर कर लिया करें। यह नहीं कि अफसर ने जो लिखकर दे दिया मंत्री ने उसे मान लिया मैं भी विधायक हूं।

कुल मिलाकर कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सड़क से सदन तक सरकार को घेरने के लिए पूरी ताकत झोंकी। शाम को 7:00 बजे मुख्यमंत्री निवास पर भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस को जवाब देने के लिए रणनीति बनाई गई। कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार को हुई थी। जाहिर है सत्ता पक्ष और विपक्ष जिस तरह से रणनीति बनाकर आगे बढ़ रहे हैं उससे 5 दिन का सीमित सत्र में हंगामा होने के पूरे आसार है।

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