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संगठन के बाद सरकार की बारी

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भोपाल। उत्तरायण होते सूर्य के बाद उन प्रश्नों के उत्तर भी मिलने लगेंगे जो बहुत दिनों से राजनीतिक वातावरण में छाए हुए हैं। भाजपा में जिला अध्यक्षों की घोषणा शुरू हो गई है और प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की बारी है इसके लिए मंत्रियों का लेखा-जोखा तैयार हो रहा है।

दरअसल, बहु प्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार कुछ समय से इसलिए डाला जा रहा था कि पहले संगठन के चुनाव हो जाएं इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो। हालांकि विस्तार के लिए समानांतर तैयारी चल रही है। मसलन जातीय समीकरणों और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कोशिश संगठन चुनाव में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को ध्यान में रखते हुए हो रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव के कारण मंत्रिमंडल का गठन जाति समीकरणों को साधने की दृष्टि से किया गया था। बाद में जुलाई में कांग्रेस से आए रामनिवास रावत को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था लेकिन विजयपुर विधानसभा से उपचुनाव करने के बाद रामनिवास रावत ने इस्तीफा दे दिया है और तब से ही मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें चल रही है। इस बीच संगठन चुनाव के कारण आगे बढ़ा दिया गया था। माना जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा और उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार के लिए रास्ता साफ हो जाएगा।

बहरहाल, मंत्रियों के परफॉर्मेंस का लेखा-जोखा बड़े करीने से तैयार किया जा रहा है। मंत्री बनने के बाद मंत्री की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी गई है। आम जनता और कार्यकर्ताओं से अधीनस्थ अधिकारियों – कर्मचारियों से मंत्री के व्यवहार तक का आंकलन किया गया है। विभाग में मंत्री ने क्या नवाचार किया और केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का कितना सफल कृमंवरण क्रियान्वन किया है इसका भी हिसाब किताब रखा गया है। यही नहीं मंत्री ने अपने प्रभार वाले जिले में कितनी बार दौरे किए, रात्रि विश्राम किया, कौन मंत्री कब गांव गया ऐसे कुछ बिंदुओं पर एक तरह से मंत्रियों की कुंडली तैयार की गई है। माना जा रहा है कि लगभग एक दर्जन मंत्रियों के विभागों में परिवर्तन किया जाएगा जिनके पास एक से अधिक विभाग है उनमें से एक वापस लिया जाएगा और यह भी खबर है कि लगभग चार-पांच मंत्री मंत्रिमंडल से हटाए भी जा सकते हैं। आधा दर्जन नये मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। एक राज्य मंत्री को पदोन्नति करके कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।

कुल मिलाकर संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने और प्रदेश अध्यक्ष बनते ही मंत्रिमंडल विस्तार का किया जाना लगभग तय माना जा रहा है। मार्च में होने वाले बजट सत्र से पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा इसके लिए मंत्रियों की कुंडली तैयार की जा रही है।

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