भोपाल। भले ही अभी महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक दलों में अपनी जमात शुरू कर दी है। इसी के तहत मध्यप्रदेश के नेताओं की ड्यूटी महाराष्ट्र में लगाई जा रही है। उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका में रखा जा रहा है। देश के विभिन्न राज्यों में चुनावी प्रबंधन में काम कर चुके ऐसे नेताओं की सूची बनाई जा रही है।
दरअसल देश के हृदय स्थल में स्थित मध्यप्रदेश के सर्वाधिक 13 जिलों की सीमाएं उत्तर प्रदेश से लगी हुई है। उसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है। जहां मध्यप्रदेश के 9 जिले अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट महाराष्ट्र से सटे हुए हैं।
व्यापारिक गतिविधियां भी व्यापक पैमाने पर चलती है। यहां तक कि नागपुर स्वास्थ्य के क्षेत्र में यदि सबसे बड़ा हब बना है तो उसमें मध्यप्रदेश के मरीजों की संख्या सर्वाधिक होगी। मध्यप्रदेश के नेता महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र की कमान संभालेंगे जिसका हेड क्वार्टर नागपुर होगा। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे। इन नेताओं की सिफारिश पर ही मध्यप्रदेश के नेताओं की महाराष्ट्र में ड्यूटी लगाई गई है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन भी महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे। जो कि मध्यप्रदेश में संगठन महामंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं। उन्होंने भी कुछ मध्य प्रदेश के नेताओं के नाम सुझाए हैं।
बहरहाल, मध्यप्रदेश के जिन नेताओं की ड्यूटी महाराष्ट्र में लगाई गई है। उनमें से कुछ अपने प्रभार वाले इलाकों का दौरा भी कर आये हैं। जिन मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है उनमें कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 12 विधानसभा सीटों की जवाबदारी दी गई है। मंत्री प्रहलाद पटेल को वर्धा और अमरावती, विश्वास सारंग को अकोला और बुलढाणा एवं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भंडारा और गोंदिया की जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि अगले माह या अक्टूबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी।
लेकिन जिस तरह से वहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उस पार्टी के रणनीतिकार अभी से चिंतित है और चुनाव घोषित होने के पूर्व से ही एक-एक विधानसभा सीट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और चुनावी मैनेजमेंट में माहिर महाराष्ट्र के आसपास के राज्यों से नेताओं को स्पेशल तौर पर नियुक्त किया जा रहा है। पहली सूची में मंत्रियों और संगठन के प्रमुख पदाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है, जबकि दूसरी सूची में जिला स्तर के नेताओं को भी तैनात किया जाएगा।
कुल मिलाकर महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में मध्य प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होने जा रही है। लगभग 9 दिनों से सीमाओं को स्पर्श करने वाले मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र की लगभग 50 विधानसभा सीटों पर चुनावी कमान मध्य प्रदेश के नेता संभालेंगे।