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दिग्गजों में दहशत

भोपाल। कल तक भाजपा और कांग्रेस के जो नेता टिकट दिलाने का दम भरते थे आज स्थिति यह है कि उन्हें चुनाव लड़ना है या नहीं या कहां से लड़ना है यह सब दिल्ली से तय हो रहा है। भाजपा में जहां अधिकांश दिग्गज नेताओं को हारी हुई सीट दी गई है या जो इस बार के सर्वे में हार की कगार पर है और अब कांग्रेस भी ऐसी ही कसरत कर रही है जिसमें दिग्गजों को मैदान में उतारा जाए।

दरअसल, प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस टिकट वितरण में ही बाजी मार लेना चाहते हैं। इसके कारण एक-एक सीट पर गहन चिंतन मनन हो रहा है और एक सीट के माध्यम से आसपास की सीटों को साधने का जतन भी किया जा रहा है। भाजपा ने जहां तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों और एक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव को विधानसभा का प्रत्याशी बनाकर इरादे जाहिर कर दिए हैं कि वह हारी हुई बाजी को भी हर हाल में जीतने की कोशिश करती है और यही नहीं तीसरी सूची में फिर संभावनाएं जताई जा रही हैं कि और भी केंद्रीय मंत्री, सांसद या वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा जाएगा। यह भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस बार उन मंत्रियों के भी टिकट काटे जाएंगे जिनके बारे में फीडबैक ठीक नहीं रहा है। वहीं कुछ दिग्गज मंत्रियों को सेट बदलकर चुनाव लड़ने की और कुछ को लोकसभा चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। इस कारण भाजपा के दिग्गज नेताओं की नींद उड़ी हुई है कि आखिर कब, कहां से लड़ने का फरमान आ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। अब तक अपने आपको दिग्गज नेता मानने वाले इन नेताओं का कष्ट यह भी है कि लोकसभा चुनाव तो पार्टी की लहर में निकल जाते हैं लेकिन विधानसभा चुनाव पार्टी से ज्यादा व्यक्तिगत भी हो जाता है। इस कारण कहीं जीतने में दिक्कत ना आ जाए।

बहरहाल, कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आज सुबह 11:00 बजे नई दिल्ली में होने जा रही है जिसमें पहली सूची पर अंतिम मोहन लगने की संभावना है। पिछली दो बैठकों में लगभग 100 नाम की पहली सूची तैयार हो चुकी है लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में कुछ नाम काटने और कुछ जोड़ने के बाद सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा और 6 अक्टूबर को पहली सूची जारी होने की संभावनाएं जताई जा रही है। वैसे कांग्रेस का एक वर्ग पितृपक्ष के समापन और नवरात्रि के प्रारंभ होने पर सूची जारी करने की सलाह दे रहा है। फिलहाल कांग्रेस को सबसे बड़ी मुश्किल भाजपा द्वारा दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार देने से हुई है। अब वह इन सीटों पर नए सिरे से कसरत कर रही है। इसके लिए सभी बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने का सुझाव आ रहा है तो वही एक सुझाव यह भी है कि भाजपा के हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों के खिलाफ कांग्रेस लो प्रोफाइल उम्मीदवार उतारे और जहां-जहां वर्तमान दावेदारों में आपस में टकराहट है वहां किसी बड़े नेता को मैदान में उतर कर सभी को एक जो हो चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया जा सके। मसलन नरेला विधानसभा में कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला पिछले 5 वर्षों से सक्रिय है वह क्षेत्र की हजारों महिलाओं को मथुरा वृंदावन की यात्राएं करा चुके हैं और ठोस दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। वहीं नरेला से प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह चौहान भी टिकट के लिए जोड़-तोड़ कर रहे हैं। वह भी क्षेत्र में सक्रियता दिखा रहे ऐसे में एक सुझाव यह आया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को नरेला विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाए जिससे दावेदारों की आपस की गुटबाजी समाप्त की जा सके और सभी के लिए चुनावी मैदान में एकजुट किया जा सके।

कुल मिलकर प्रदेश में पहली बार चुनाव से पहले दिग्गज नेताओं की नींद उड़ी हुई है क्योंकि अब तक टिकट बांटने में और दावेदारों को आश्वासन देने में अपने आपssको बड़ा नेता मानने वाले अधिकांश नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है और वह भी पार्टी हाई कमान की तय की हुई सीट पर और अभी भाजपा की 151 सीटों पर सूची आना है और कांग्रेस की सभी 230 विधानसभा क्षेत्र में सूचि घोषित की जाना है इस कारण अभी कौन-कौन दिग्गज मैदान में होगा कहां नहीं जा सकता।

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