भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस में बूथ से लेकर दिल्ली तक “हम भी कम नहीं” की तर्ज पर तैयारियां चल रही है। भाजपा के विधानसभा वार सम्मेलन की तर्ज पर कांग्रेस बूथ मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में करने जा रही है और जिस तरह से अमित शाह दौरे कर रहे हैं उसको देखते हुए पार्टी में रणजीत सिंह सुरजेवाला को प्रदेश में सीनियर आब्जर्वर नियुक्त करके भेजा है।
दरअसल, जिस तरह से किसी भी मैच में दोनों टीमें एक-दूसरे का आंकलन करके पोजीशन के हिसाब से खिलाड़ी तय करते हैं मैदान की रणनीति बनाते हैं वैसा ही कुछ इस समय मध्यप्रदेश की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के बीच हो रहा है। दोनों दल बूथ मैनेजमेंट आकर्षक घोषणा पत्र बेहतर प्रत्याशी और आजमाए हुए रणनीतिकार के साथ-साथ माहौल बनाने और चुनावी महा मैनेजमेंट पर फोकस कर रहे हैं। जितनी तैयारियां बाहर दिख रही है उससे कहीं अंदर रणनीति बन रही है। सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर वीडियो और कार्टून के माध्यम से वार शुरू हो गए हैं। जातियों और क्षेत्र को साधने का हुनर चल रहा है। बूथ स्तर से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर मुकाबले को जीतने का बनाने की होड़ लगी हुई ह।ै
बहरहाल, भाजपा इस समय पूरे प्रदेश में विधानसभावार सम्मेलन आयोजित कर रही है। जिसमें पार्टी के दिग्गज नेता शामिल हो रहे हैं। इन सम्मेलनों के माध्यम से पार्टी जहां कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रही है। वहीं बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं का परीक्षण भी किया जा रहा है और जहां कमी दिख रही है। उसे दुरुस्त किया जा रहा है। एक तरह से चुनाव पूर्व एक ऐसा अभ्यास चल रहा है। जिसके माध्यम से पार्टी चुनावी नैया पार करना चाहती है। पार्टी के सबसे बड़ी रणनीतिकार और गृहमंत्री अमित शाह ने इंदौर में स्पष्ट कहा मंच पर बैठे नेता चुनाव नहीं जिताते जो सामने कार्यकर्ता बैठे हैं वही चुनाव जिताते है। एक तरफ जहां कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाया है, वहीं दूसरी ओर पार्टी को भी संदेश दे दिया है कि वह कार्यकर्ताओं का माफ कर समझे जो कि कार्यकर्ता सम्मेलन में दिखाई दे रहा है। भाजपा की इन तैयारियों का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अब बूथ मैनेजमेंट पप्पू कस कर दिया है।
हर विधानसभा क्षेत्र में ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण के जरिए यह बताया जा रहा है। कांग्रेस हर बूथ पर उसके कार्यकर्ताओं की भूमिका कितनी अहम होगी। इसमें कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कांग्रेस के जिला प्रभारियों विधायकों ने मंडल सेक्टर अध्यक्ष एवं बीएलओ मतदाता सूची से लेकर बूथ स्तर तक किस तरह काम करना है। इसको लेकर मार्गदर्शन किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं को टिप्स दिए जाएंगे कि कैसे उन्हें बूथ जीतना है और मतदान के दिन किस प्रकार की सतर्कता रखना है। अभी से लेकर चुनाव तक जो भी प्रचार सामग्री प्रदेश कार्यालय से भेजी जाएगी। वह बूथ के कार्यकर्ताओं को हर मतदाता तक किस तरह पहुंचाना है इसका भी प्रशिक्षण अभी से दिया जा रहा है। इस तरह का पूर्व मैनेजमेंट पूछ मैनेजमेंट पहली बार कांग्रेसमें कार्यकर्ताओं को सिखाया जा रहा है और यह प्रशिक्षण 15 अगस्त के पहले प्रत्येक बूथ पर कर लिया जाएगा। इसके बाद अगला कार्यक्रम बूथ स्तर पर किया जाएगा। जाहिर है अब से लेकर चुनाव तक बूथ के कार्यकर्ता के साथ प्रदेश और देश के नेताओं का सीधा संपर्क रहेगा।
कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस चुनावी तैयारियों में “तू डाल डाल मैं पात पात” की तर्ज पर तैयारियां कुछ इस तरह से कर रहे हैं। मानो कह रहे हो हम भी कम नहीं पार्टी ने रणजीत सिंह सुरजेवाला को सीनियर चुनाव आब्जर्वर नियुक्त करके संदेश दे दिया है। पार्टी की पूरी नजर मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर है और जब जब जैसी जैसी आवश्यकता पड़ेगी, पार्टी वैसा वैसा इंतजाम करते चलेगी। पार्टी की चिंता अमित शाह के प्रदेश के दौरों से बढ़ गई है क्योंकि अमित शाह परिणाम मूलक राजनीति के लिए जाने जाते हैं।