इंफाल। मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा 45 दिन बाद भी जारी है। केंद्रीय मंत्री का घर जलाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार की रात को पांच बड़ी वारदातें हुईं। उग्र भीड़ ने एक थाने पर हमला किया तो दूसरी ओर एक विधायक के घर पर भी हमला किया गया। इससे पहले चार नेताओं के घरों पर हमले हो चुके हैं और घरों को आग लगाई जा चुकी है।
सुरक्षा बलों की लगातार परेड और कार्रवाई के बावजूद हिंसा में बढ़ोतरी हो रही है। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि सेना और सुरक्षा बलों की वर्दी में उग्रवादी शहरों में घुस सकते हैं।
बहरहाल, शुक्रवार की रात को इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम थाने पर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया और हथियार लूटने की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने जब उन्हें खदेड़ा तो भीड़ की ओर से फायरिंग भी की गई। दूसरी घटना में भीड़ ने भाजपा के एक विधायक विश्वजीत के घर में आग लगाने की कोशिश की। इसे मणिपुर रैपिड एक्शन फोर्स की टीम ने नाकाम कर दिया।
तीसरी घटना खोंगमन और सिंजेमाई की है। दोनों जगहों पर भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पर हमला किया। हालांकि सेना के जवानों ने भीड़ को भगा दिया। राजधानी इंफाल के पोरमपेट में एक अलग वारदात हुई, जिसमें भीड़ ने शुक्रवार देर रात भाजपा की महिला मोर्चा की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में तोड़-फोड़ की कोशिश की। सुरक्षा बलों ने युवकों को खदेड़ दिया। पांचवी घटना राजधानी इंफाल की है, जहां करीब एक हजार लोगों की भीड़ पैलेस कंपाउंड को जलाने के लिए पहुंच गई थी, लेकिन आरएएफ के जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाईं, जिसके बाद भीड़ वहां से हटी। शुक्रवार देर रात बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचंदपुर गोलियां चलने की खबर है। सेना, असम राइफल्स और मणिपुर रैपिड एक्शन फोर्स ने राजधानी इंफाल में आधी रात तक मार्च किया।
हिंसा के बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दखल देने की अपील की है। असल में, एक रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने गुरुवार सुबह ट्विट करके राज्य के हालात सीरिया-लेबनान जैसे बताए थे। इसी को लेकर जनरल वीपी मलिक ने बयान दिया है। लेफ्टिनेंट जनरल ने लिखा था- मैं मणिपुर का एक साधारण भारतीय हूं, जो सेवानिवृत्त जीवन जी रहा है। राज्य अब स्टेटलेस है। जिंदगी और संपत्ति को कोई भी, कभी भी खत्म कर सकता है। जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया में होता है। ऐसा लगता है कि मणिपुर को अपनी ही आग में उबलने के लिए छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन रहा है? इस पर चिंता जाहिर करते हुए वीपी मलिक ने कहा कि एक सैन्य अधिकारी का ऐसा कहना बहुत दुख की बात है। राज्य के हालात पर सरकार के टॉप लेवल को तुरंत ध्यान देना चाहिए।