सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सांसद राहुल गांधी अब नए अवतार में दिखेंगे कांग्रेस के गलियारों में ऐसी ही चर्चा चल निकली है। मानसून सत्र में हिस्सा लेने की तैयारी के साथ ही वे पार्टी नेताओं के साथ मीटिंगें करने के कर उन्हें लोकसभा चुनावों में जीत कैसे हो सकेगी यह भी समझाएँगे।कहा जाने लगा है कि मानहानि के मामले से राहत के बाद वे राजनीति के इस साँप-सीढ़ी के मामले को समझने के बाद मेकओवर पर पूरा फ़ोकस करते दिखेंगे। कहा जा रहा है कि 2024 के चुनौतीपूर्ण चुनाव के चलते राहुल गांधी ने हर राज्य के नेताओं को सपाट कह दिया है कि अपने बूते चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। पिछले दिनों कांग्रेस मुख्यालय में महाराष्ट्र के नेताओं के साथ ऐसी ही बैठक की और जब महाराष्ट्र के एक नेता ने अनजाने में यह कहा कि पार्टी को राज्य की सभी 48 सीटों पर चुनावी तैयारी करनी होगी तो एनसीपी नेता शरद पवार सहित दो नेताओं ने एतराज़ जताया तो नेताजी को सफ़ाई देनी पड़ गई। महाराष्ट्र के नेताओं के साथ मीटिंग के बाद अब बाक़ी राज्यों के नेताओं के साथ मीटिंग होनी है। ज़ाहिर है कि राहुल गांधी के साथ मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खडगे सहित दो दूसरे नेता भी मीटिंग लेने में शामिल बताए जाते हैं। पर हाँ प्रियंका गांधी फिलाहल ऐसी मीटिंगों
से अलग बाई जा रही हैं पर वे देश भर में पार्टी का प्रचार करती रहेंगीं। और साथ ही प्रियंका गांधी की टीम को भी राहुल के ख़िलाफ़ खुल्लम खुल्ला नहीं बोलने की हिदायत दे दी गई है कि अब अगर कांग्रेसी यह भी कहें कि 2024 के लोकसभा चुनावों पूरा दारोमदार राहुल देंखेंगे तो कोई नई बाद भी नहीं है। इससे पहले तक भी पार्टी में सिक्का राहुल गांधी का चला है भले वे अपनी भारत जोड़ो यात्रा में रहे हों या फिर किसी दूसरे दौरों पर।भला कोई यह पूछे कि पार्टी में बाक़ी नेताओं ऐसा मौक़ा क्यों नहीं तो सीधी बात कि कांग्रेस पार्टी या फिर संगठन में नेता कोई भी और कितना ही ओहदे वाला क्यों न हो और रहा हो सिक्का गांधी परिवार का ही चला है भले वह इंदिरा गांधी का दौर हो ,राजीव गांधी का ,या सोनियां गांधी का ही क्यों नहीं। इंदिरा गाँधी के समय में संजय गांधी की खूब चली यूपीए में मनमोंहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते सोनियां गांधी की ही चली।और अब बारी है राहुल की। तभी सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद यह कहा जा रहा है कि राहुल अब नए अवतार में होंगे।पर सवाल यही है कि क्या अपने इस नए अवतार में आने के बाद पार्टी के नए नाम इंडिया के दम पर मोदी सरकार को हराकर केंद्र की सत्ता पर क़ाबिज़ हो पाएँगे।