रोहित का रिचर्डस् होना

रोहित का रिचर्डस् होना

रोहित ने अफरीदी की तेज, सीधी आती गेंद पर कदम आगे बढ़ाया और कलाई के दम से मिड-विकेट के ऊपर से जोरदार चौका, बिलकुल विव रिचर्ड्स के अंदाज में जड़ दिया। फिर उसी ऐंठ और अकड़ में पाक गेंदबाजों को सारे मैदान पर घूमती रस्सी नपवा दी। छह छक्के और छह चौके जड़ते हुए 30 ओवर में ही पाक के छक्के-छुड़ा दिए।

समय बदलता है। जीवन और उसका खेल भी बदलता है। नए सितारे, नया आसमान नापते हैं। नए लोग नया आनंद लेते हैं तो पुरानी स्मृति भी नए आयामों में दिखती है। जिनने भी महान विव रिचर्ड्स का प्रभामंडल और उनकी करिश्माई बल्लेबाजी नहीं देखी, उन सभी को अमदाबाद में रोहित शर्मा की बल्लेबाजी देखने का सौभाग्य मिला। उसी गज़ब की बहुलता में रोहित शर्मा ने सवा-लाख झुमते क्रिकेट प्रेमियों को अपनी बल्लेबाजी का नया प्रबल, प्रगाढ़ विश्वरूप दिखाया। एकदिवसीय क्रिकेट का यादगार रोहित-काल है।

रोहित के रणबांकुरों ने पाकिस्तान पर अब तक की विश्व कप में सबसे आकर्षक और प्रभावशाली जीत दर्ज की। भारतीय टीम की बल्ले-बल्ले हुई।

आखिर अमदाबाद का तनाव-दबाव व कांटे वाला मैच भी सौम्य, शालीन और शानदार खेल भावना में खेला गया। ऐसा लगा ही नहीं कि किसी पर जीत का कोई भूत सवार है। या कोई युद्ध होने जा रहा था। ऐसा जरूर लगा कि भारतीय टीम अकेले ही विश्व कप का यह मैच खेल रही है। और पाकिस्तान भारतीय टीम के साथ-साथ सवा-लाख दर्शकों के सामने जूझता दिखा। पाक खिलाड़ियों के खेल में विश्वास नदारद दिखा। जिस परिपक्वता से पाक ने पहले दो मैच खेले, वह अमदाबाद में नहीं दिखी। बड़े भाई, छोटे भाई सा मैच अमदाबाद में खेला गया।

विश्व कप में भारत-पाक मैच खास दिलचस्पी रखता है। एकदिवसीय क्रिकेट के 13 विश्व कप में अमदाबाद मैच मिला कर भारत-पाक 8 बार एक-दूसरे से खेले हैं। भारत पहली बार 1992 के ऑस्ट्रेलियाई विश्व कप में खेला और जीता था। अब अमदाबाद में लगातार आठवीं बार भारत ने यह चिर-प्रतिद्वंदिता का मैच जीता। कीर्तिमान तो टूटने के लिए ही बनते हैं। भविष्यवाणी से इतिहास नहीं बनते। हो सकता है इसी विश्व कप में भारत को पाकिस्तान से फिर खेलना पड़े। लेकिन फिर भी अमदाबाद की खास जीत का उत्सव तो मनना ही चाहिए।

पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को हरा कर भारत का आत्मविश्वास आसमान पर था। रोहित ने टॉस जीत कर पाक को पहले बल्लेबाजी के लिए कहा। लेकिन संभल कर साझेदारी में लगा पाक 155 पर 2 से 191 पर 10 हो कर बिखर गया। महज 36 रन बनाने में 8 पाक बल्लेबाज यूं ही निपट गए। ताश के पत्तों की तरह ढह गए। भारत का जम कर खेलना भी जरूरी था। रोहित और गिल ने शुरुआत शानदार की।

पारी की पहली ही गेंद पर रोहित ने अफरीदी की तेज, सीधी आती गेंद पर कदम आगे बढ़ाया और कलाई के दम से मिड-विकेट के ऊपर से जोरदार चौका, बिलकुल विव रिचर्ड्स के अंदाज में जड़ दिया। फिर उसी ऐंठ और अकड़ में पाक गेंदबाजों को सारे मैदान पर घूमती रस्सी नपवा दी। छह छक्के और छह चौके जड़ते हुए 30 ओवर में ही पाक के छक्के-छुड़ा दिए। देश भर में पाक पर लगातार आठवीं जीत का विश्व कप जश्न मना। आईए, उन्नीस नवंबर के इंतजार में लगें।

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Published by संदीप जोशी

स्वतंत्र खेल लेखन। साथ ही राजनीति, समाज, समसामयिक विषयों पर भी नियमित लेखन। नयाइंडिया में नियमित कन्ट्रिब्यटर।

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