हां, भाजपा हो या कांग्रेस या क्षेत्रीय दल सभी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने को झोंक दिया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, मिजोरम, तेलंगाना के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में चिंता नहीं है। इसलिए कि इन राज्यों में भाजपा हार भी गई तो लोकसभा चुनाव में भाजपा जीतेगी तो मोदी-शाह हारे प्रदेशों में वैसे ही वापिस सरकार बना लेंगे जैसे 2018-19 में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र में हारने के बाद बना ली थी। तभी लगता है राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, तेलंगाना को लेकर मोदी-शाह-नड्डा की बैठकों में फैसले नहीं हो रहे हैं। सभी जगह बिना चेहरे के चुनाव लड़ा जाएगा और नरेंद्र मोदी अपने चेहरे पर विश्व गुरू-राष्ट्रवाद, भ्रष्टाचार-परिवारवाद और हिंदू-मुस्लिम राजनीति के त्रिकोण पर हिंदीभाषी हिंदुओं को नए जादू-मंतर दिखाएंगे।
जून के महासंपर्क अभियान में भाजपा के नेताओं-मंत्रियों को लोकसभा सीटों के दायरे में जितना दौड़ाया गया तथा अमेरिका से लौट कर नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में जो भाषण दिया और तमिलनाडु में राज्यपाल से भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री को बरखास्त कराने की जो कार्रवाई हुई है उसके अर्थ दो टूक हैं। लोकसभा चुनाव के रोडमैप पर भाजपा का काम शुरू हो चुका है।
ऐसा विपक्ष के लिए भी कह सकते है। आखिर पटना में विपक्षी पार्टियों के जमवाड़े में भी लोकसभा चुनाव की प्राथमिकता झलकी। नीतीश कुमार हों या मल्लिकार्जुन खड़गे या राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, ममता बनर्जी सभी अब लोकसभा चुनाव को लेकर दिमाग खपाते हुए हैं। तय मानें विपक्ष की बेंगलुरू की अगली बैठक में भी विपक्ष में और समझदारी बनेगी।
हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका से लौटने के बाद के एक सप्ताह में भाजपा रणनीति के सभी कार्ड ओपन हुए। नरेंद्र मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि उनकी गारंटी है कि वे विपक्ष के भ्रष्टाचार और परिवारवाद को एक्सपोज करेंगे। एक घर, दो कानून नहीं चलेंगे। उधर राजनाथ सिंह ने कश्मीर में एक कार्यक्रम में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की बात कही। वही बकरीद के दिन बिहार के लखीसराय में अमित शाह ने वे तमाम बातें कहीं जो भाजपा के जनसंपर्क अभियान के एक महीने में हर जगह बोली गई और आगे जुलाई से मई तक याकि लोकसभा चुनाव तक बोली जानी है।
पहली बात, पीएम मोदी ने दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया। विदेशी उनके पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं। वे विश्व गुरू हैं और उनके कारण भारत विश्व गुरू। दूसरी बात, पाकिस्तान से पहले आतंकी हमले होते थे तो कांग्रेसी चुप बैठ जाते थे। पर नरेंद्र मोदी पीएम बने तो पुलवामा व उरी में हमले हुए तब जवाब सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से दिया। धारा 370 हटाने पर विपक्ष ने संसद में कांव-कांव करके कहा था इसे हटाओगे तो खून बहेगा। पर खून तो छोड़िए किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं हुई। तीसरी बात, देखो गुंडाराज, बालू व शराब माफिया राज के सिरमौर पलटू बाबू (नीतीश कुमार) पार्टियों को इकट्ठा कर रहे हैं। पीएम बनने के लिए कांग्रेस की चौखट चूम रहे हैं। लालू को मूर्ख बना रहे हैं। वे उन बीजेपी विरोधियों को इकट्ठा कर रहे हैं, जिन्होंने 2014 तक 20 लाख करोड़ रुपए का घोटाला किया। चौथी बात, पलटू बाबू पूछ रहे थे कि नौ साल में क्या दिया? अरे नीतीश बाबू ये भारत के विकास और सुरक्षा के नौ साल, …पीएम मोदी ने 70 करोड़ गरीबों के लिए काम किया.. वह किया जो आजाद भारत में पहले कभी नहीं हुआ। आखिरी बात, अशोक धाम के भोले बाबा की कृपा जो मैं आंधी-बारिश के बावजूद आ पाया और बोले भारत माता की …जय! आखिर में…जीतना है 2024 के चुनाव में सभी सीटें बीजेपी को… खाओ कसम बजरंग बली की!
यह लब्बोलुआब, इस पांच सूत्री थीम में अगले दस महीनों में मोदी-शाह-भाजपा एक चक्रवाती तूफान पैदा कर देने वाले हैं। भले मौसम की हकीकत में अल नीनो का सूखा दिखलाई दे रहा हो लेकिन मई 2024 में तो उत्तर भारत में गुजरात से जम्मू और यूपी में बलिया तक भगवा हवा और आंधी को आना ही है।
मोटा मोटी मोदी-शाह का हर काम, हर बात अब लोकसभा चुनाव के लिए है। गर्वनेंस, आर्थिकी, सामाजिक दशा, अंदरूनी-बाहरी दशा सब भूल जाएं और बस यही सुनें कि नरेंद्र मोदी हैं तो देश है, हिंदू हैं और उन्हीं के कारण लोगों को खाने के लिए रोटी और रेवड़ियां मिल रही हैं। यदि मोदी हार गए तो मुसलमानों का राज आ जाएगा। दुनिया में भारत और हिंदुओं की दो कौड़ी की साख नहीं बचेगी। विश्व गुरू की हैसियत से हिंदू लुढ़क कर दुनिया का गोबर हो जाएंगें। तब कोई पूछेगा ही नहीं!
सवाल है इसके जवाब में विपक्ष की लोकसभा तैयारियां क्या? मोटा मोटी पटना की बैठक ने जाहिर किया है कि सभी नेता मन ही मन समझते हुए हैं कि यदि 2024 के चुनाव में भाजपा पंक्चर नहीं हुई तो हम सब हमेशा के लिए बेतमलब हो जाएंगे। मोदी और अमित शाह दोनों ने हाल के भाषण में गारंटी के साथ कहा है कि वे विपक्ष का भ्रष्टाचार-परिवारवाद एक्सपोज करेंगे। इसके मायने हैं कि आने वाले महीनों में अखिलेश, केजरीवाल, जयंत चौधरी से ले कर ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव, स्टालिन सब पर सीबीआई-ईडी-इनकम टैक्स की गाज गिरने वाली है। टेंटुआ दबने वाला है। हालांकि जी-20 की सितंबर की बैठक तक प्रधानमंत्री कुछ संभले रह सकते हैं। डंडा शायद अतिवादी नहीं हो। पर उसके बाद तो फिर मारधाड़ है। सो, भाजपा की लोकसभा चुनाव स्क्रिप्ट पक्की हो गई है।