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मप्र चुनाव: टिफिन और टाइम टारगेट पर टिकिट

भोपाल। दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है। जब-जब संबंधों में प्रगाढ़ता लानी होती है तब- तब सहभोज का आईडिया मन मस्तिष्क में आता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की टिफ़िन पार्टी भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रही है कि अब सब एकजुट होकर विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जुट जाएं। इसके लिए पूरा टाइम अब मैदान में देना है। यदि टाइम दिया टिफिन के साथ संबंध सुधारे तो फिर पार्टी का भी टिकट पक्का है और विधानसभा की सीट भी सुरक्षित है।

दरअसल, राजनीति की आपाधापी में कई बार साथ में काम करते हुए भी आपस में मिल बैठ नहीं पाते इसके लिए टिफ़िन पार्टी का आइडिया भाजपा के रणनीति कारों में दिया है। पूरे देश में भाजपा नेता टिफिन पार्टी करके संबंधों को सहज बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोई भी पार्टी का कार्यक्रम हो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उसको भव्य और आकर्षक बनाने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ते। इसी के चलते उन्होंने रविवार की शाम को मुख्यमंत्री निवास में मंत्रियों के साथ बैठक रखी और उसके बाद टिफ़िन पार्टी हुई। जिसमें मंत्रीगण अपने घर से टिफिन लेकर आए थे। फिर सभी ने एक साथ बैठकर भोजन किया एवं राजनीति से हटके पारिवारिक चर्चाएं की। मुख्यमंत्री ने जिन मंत्रियों की पत्नियां आई थी उनके भी हालचाल पूछे। यह भी तय किया गया पूरा समय पार्टी को देना है जिससे कि चुनाव में पार्टी को अच्छी सफलता मिल सके।

बहरहाल, टिफिन बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा यह एक तरह का स्नेह भोज था। हम सब एक परिवार के सदस्य और सभी ने प्रेमपूर्वक भोजन किया और प्रदेश के विकास के लिए संकल्प लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान सहृदयता दिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मसलन, उन्होंने वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव को भोजन परोसा और सभी मंत्रियों से पूछा क्या चाहिए, क्या लेंगे। वैसे तो भाजपा और संघ में सहभोज की परंपरा पुरानी है। शुरुआती दौर में पार्टी के नेता या प्रचारक जब किसी जिले में जाते थे तो किसी कार्यकर्ता के यहां ही भोजन करते थे। एक समय तो भाजपा पर विरोधियों ने यह तंज भी कसा था कि भाजपा के तीन काम – भोजन, बैठक और विश्राम। लेकिन ऐसी ही बैठकों और सहभोज के सहारे आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा कर पा रही है।

कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में भाजपा प्रदेश के करीब 65,000 बूथ पर डिनर डिप्लोमेसी के जरिए कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच संपर्क और संवाद स्थापित करने की योजना पर कम कर रही है। प्रदेश के सभी बूथों पर कम से कम 21 सदस्यों के भोजन करने की पार्टी की योजना है जिससे सभी जिलों में लगभग 13 लाख कार्यकर्ताओं की पंगत होगी। इसके लिए जिला मंडल और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के लिए बाई सूत्री एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसके साथ ही पूरा रोड में भी समझाया गया है घर घर दस्तक देने केंद्र राज्य सरकार की योजनाएं समझने में यह सहभोज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यही जब सहभोज जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी और वार्डन के बीच होता है तो उसे डिनर डिप्लोमेसी कहा जाता है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय मसले सुलझाए जाते हैं और स्थानीय स्तर पर जब सहभोज होता है तो आपस की गलतफहमियां दूर की जाती है पार्टी ने सभी जनप्रतिनिधियों और नेताओं को 18 जुलाई तक टिफ़िन पार्टी कर लेने के निर्देश दिए हैं।

कुल मिलाकर स्थानीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक डिनर डिप्लोमेसी की महत्वता समय-समय पर प्रतिपादित हो चुकी है। 2018 विधानसभा के चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी संगत में पंगत कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चलाया था तब इसे भाजपा की नकल भी कहा गया लेकिन भाजपा ने पूरे देश में टिफ़िन पार्टी के माध्यम से अपनी परंपरागत शैली सहभोज के द्वारा एक बार फिर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास में मंत्रियों के साथ टिफ़िन पार्टी करके इसके महत्व को कार्यकर्ताओं को समझने की कोशिश की है और जिस तरह से पार्टी ने अधिकतम टाइम देने और अधिकतम टिफ़िन पार्टी करने को टिकिट से जोड़ा है उससे कोई भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहता

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