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…पर शहर में चर्चा है

भाजपा में शामिल होने की चर्चा

आम आदमी पाटी के सांसद राघव चड्डा भाजपा में शामिल होते हैं या नहीं यह तो इंतज़ार की बात है पर शहर में यह चर्चा ज़रूर शुरू हो गई है। या यूँ कहिए कि मायानगरी मुंबई में चलने के बाद अब यह खबर दिल्ली में भाजपाईयों के बीच चर्चा बन गई है। ख़ासतौर से उनके विधानसभा क्षेत्र राजेंद्र नगर में। शालीनता से राजनीति करने वाले चड्ढा के भाजपा में शामिल होने की खबर परणीति चोपडा से सगाई के बाद से शुरू हुई।

परणीति जानी -मानी अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की बहन हैं और परिवार के भाजपा में अच्छे संबंध बताए जाते हैं और तभी ऐसी चर्चा राजनीति और आम जनता के बीच होनी शुरू हुई। सांसद होने के बाद से चड्डा सोशल मीडिया और चैनल पर भाजपा के तमाम नेताओं को अक्सर कोसते देखे गए पर प्रधानमंत्री को लेकर शायद ही कभी एग्रेसिव हुए होंगे।यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद पर उनके आका और दिल्ली के ज़्यादातर आप नेताओं ने शोर -शराबा किया पर राघव चड्डा शांत ही देखे गए।

राजेंद्र नगर विधानसभा से विधानसभा चुनाव लड़कर अपनी राजनीति शुरू करने वाले चड्डा जल्दी ही आप पारी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इतने नज़दीक आ गए केजरीवाल उनसे व्यक्तिगत संबंधों पर भी सलाह-मशविरा लगे। बाद में पंजाब में आप पार्टी की सरकार बनी तो चड्ढा को यहाँ से राज्यसभा भेज दिया गया। अब भला ने क्या गुल खिलाया केजरीवाल को खुश करने के लिए यह बात अलग है पर दोनों इतने नज़दीक आ गए कि शहर में यहाँ तक अफ़वाहों का बाज़ार गर्म हो गया कि केजरीवाल अपनी बेटी की शादी चड्डा से कर सकते हैं।और इस खबर को फैलाने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया गया।

अब चड्डा के भाजपा में शामिल की बातें कितनी सही और कितनी होगीं ग़लत यह अपन को नहीं पता पर यह सवाल ज़रूर रहेगा कि जिस भाजपा या मोदी को केजरीवाल या फिर दिल्ली में उनकी सरकार कालोनी फूटी आँख नहीं सुहाता आख़िर चड्डा ऐसी पार्टी का दामन थामने की हिम्मत भी कैसे कर पाएँगे। हाँ यह बात अलग है कि भाजपा आलाकमान चड्डा को अगर विभीषण मानकर उन्हें पार्टी में लाने की जुगत में है तब तो बात ही दूसरी होगी। पर क्या तब चड्डा की केजरीवाल से बफादारी कही जाएगी ?

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By ​अनिल चतुर्वेदी

जनसत्ता में रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव। नया इंडिया में राजधानी दिल्ली और राजनीति पर नियमित लेखन

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