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राजनीति का खेला कर गहलोत फिर दौड़ में

अशोक गहलोत

अशोक गहलोत की राजनीति ने आख़िर फिर यह साफ़ कर दिया कि राजस्थान के सरदार वहीं हैं और अगले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जय-जयकार भी वही कर सकते हैं। अब ऐसा गहलोत ने जनता के हित के लिए दर्जनभर योजनाओं को फटाफट लागू कर किया या फिर राजस्थान के वोटरों को जातियों में बंटा दिखाकर यह जताकर किया कि वे जिस जाति से ताल्लुक़ रखते हैं उनकी तादाद सबसे बड़ी है यानी माली। यह बात अलग है पर लंबे समय से सचिन पायलट के साथ की लड़ाई पर विराम ज़रूर लगा दिया।

और रही बची कसर जल्दी ही ही तब पूरी हो जाएगी जब विधानसभा चुनावों से पहले गहलोत अपने सूबे में दो बड़े प्रोग्राम करेंगे और राहुल गांधी व पार्टी अध्यक्ष खडगे इसके गवाह बनेंगे। लोकसभा चुनावों से पहले पाँच राज्यों में होने वाले चुनावों में से राजस्थान और मध्यप्रदेश की चिंता भाजपा को है। मोदी और शाह किसी भी सूरत में इन दोनों सूबों में भाजपा की सरकार की जुगत में हैं लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के चुनावी सर्वे के बाद यह साफ़ हो क्या-क्या राजस्थान का चुनाव गहलोत की ही अगुवाई में लड़कर जीता जा सकता है।

यूँ भी गहलोत की राजनीति थोड़ी अलग है। कहा जाता है कि गहलोत ने जहां यह साबित करने की कोशिश की है कि सचिन पायलट सिर्फ़ गूजर और मीना जाति के नेता हैं तो यह भी जता दिया है कि जाट,ब्राह्मण राजपूत सहित कई जातियों का अब नेता नहीं । जबकि माली समाज के हर हिस्से में मिलते हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि गहलोत ने न सिर्फ़ अपनी कुर्सी बचाई है बल्कि वे उन राज्यों के लिए भी मॉडल बन गए हैं जहां कांग्रेस की सरकारें हैं।

कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के समय जब गहलोत ने अपना वापिस लिया तो यह चर्चा हो चली थी कि गहलोत की दिल्ली से दूरी बढ़ गई है। पर इसके बाद सूबे के लोगों के लिए चिरंजीवी योजना, 10 लाख का बीमा योजना, 100यूनिट बिजली फ़्री करना ,किसान योजना और गैस सिलिंडर 500 रूपये में देने जैसी दर्जनभर योजनाओं को अमलीजामा पहना कर गहलोत ने फिर दिल्ली को संदेश दे दिया कि चुनावी दौड़ में फिर हैं और तभी यह कहा जाने लगा है कि गहलोत फिर सूबे के सरदार यूँ बने हैं।अब गहलोत की यह राजनीति चुनावों में क्या गुल खिला पाती है इसका इंतज़ार रहेगा।

 

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By ​अनिल चतुर्वेदी

जनसत्ता में रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव। नया इंडिया में राजधानी दिल्ली और राजनीति पर नियमित लेखन

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