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ल़ॉकडाउन में चमकदार जी-20 जमावड़ा!

जी-20 डायरी: दिल्ली की जनता को लॉकडाउन के दिन या दहो आ रहे हैं। मैं बतौर पत्रकार वहां हूं जहाँ एक्शन होगा, बल्कि कहिये कि उसके आसपास हूं। मैं जी-20शिखर सम्मेलन को करीबि से आब्जर्व करते हुए हूं। मैं इस डायरी में अगले दो दिनों डिप्लोमेसी, राजनीति और नेताओं की गलबहियों की बात नहीं करूगी। क्योंकि डिप्लोमेसी के नाम पर जी-20 के शिखर सम्मेलन में क्या हासिल होगा, विश्व नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की गहबहियां कैसी क्या होगी यह आपको टीवी चैनलों, ख़बरों और व्हाट्सएप ग्रुपों से थोक में मालूम होगा। मैं चाहूंगी कि मुझे खुद वह समझ आए जो इस दशक के सबसे महत्वपूर्ण भारत आयोजनों में से एक के भीतर होना है और उसी पर मैं लिखू।

दिल्ली आज से 48 घंटों के लिएविकसित और विकासशील देशों के आकाओं की मेजबानी कर रही है। साथ में करीब 3,000 मीडियाकर्मी भी है।इनमें संभवतया आधे इस आयोजन को कवर करने दुनिया भर से आये हैं।स्वभाविक है जो इस तरह के विशाल आयोजन में कुछ न कुछ अफरातफरी, थोड़े-बहुत गड़बड़ी हो। और वह हुई। कई अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी अंतिम क्षण तक पास जारी नहीं हुए। और इस डायरी की लेखिका भी उनमें से एक थी।

समिट की अनौपचारिक शुरुआत आज सुबह से थी। जिस समय सुनक का हवाईजहाज़ दिल्ली में उतर रहा था, मैं अपना मीडिया कार्ड लेने की जुगत में थी। जैसे-तैसे पास मिला। अब मैं प्रगति मैदान जाने के लिए तैयार थी। सड़कों पर ट्रैफिक न के बराबर था जबकि रोकटोक-बाधाएं जबरदस्त थी। मीडिया के लिए दो स्थान निर्धारित हैं। पहला है जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम, जहाँ हमें खुद पहुंचना है। वहां से करीब 3000 मीडिया कर्मियों को बसों से प्रगति मैदान ले जाया जाता है। कल के भोज के लिए सांसदों को भी यही से बसों में भर कर ले जाया जाएगा।

प्रगति मैदान दुल्हन की तरह सजा है। सड़कें सूनी हैं पर चमक रहीं हैं और सभी सड़के स्वागत करने की मुद्रा में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरों से पटी हैं। बस से उतरते ही हमारा सामना बहुत कड़ी सुरक्षा से होता है। प्रवेश की प्रक्रिया बिना रुके चल रही है पर सख्ती बहुत है। कोई भी खाने-पीने की चीज़, पानी की बोतल या सैनीटाईज़र अन्दर नहीं जा सकता। अन्दर का मीडिया हाल भव्य है। अगर आप भूल गए हैं कि आप कहाँ है तो आपको याद दिलाने के लिए विशाल सफ़ेद बोर्ड लगे हैं जिन पर बड़े-बड़े अक्षरों में जी-20 दर्ज है। दो मंजिलें केवल मीडिया के लिए हैं। सब कुछ बहुत शानदार है। हाल इतना लम्बा-चौड़ा है कि एक तरफ से दूसरी तरफ पहुँचने तक आप 10,000 कदम चलने की अपनी रोजाना की कसरत पूरी कर चुके होंगे। यह तो हुआ मजाक।

पर वाकई मीडिया कर्मियों के लिए बेहतरीन सुविधाएं जुटाई गई हैं। सब कुछ एकदम टॉप क्लास है। सबसे पहले जी-20 शेरपा अमिताभ कान्त, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हुई। इसमें हमें यह याद दिलाया गया कि जी-20 कितना अहम और कितना बड़ा संगठन है और यह भी कि भारत को उम्मीद है कि नई दिल्ली घोषणापत्र को सभी देशों का समर्थन मिलेगा। और वह घोषणापत्र एक नयी वैश्विक व्यवस्था का आगाज़ करेगा।

इस बीच, अमेरिकी सरकार व मीडिया से मालूम हुआ कि उसके अनुरोध के बावजूद, जो पत्रकार राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ भारत आए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री के घर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मतलब यह कि अमेरिकी पत्रकारों को बाइडन और मोदी की मुलाकात के बाद दोनों नेताओं से प्रश्न पूछने का मौका नहीं मिलेगा तो इससेअमेरीकी मीडिया नाखुश है। अमेरिकी पत्रकारों का रूख था कि तब मोदी-बाईडन की मुलाकात के सरकारी फोटो विदेशी एजेंसियां रीलिज नहीं करेगी। हुआ भी यही। बाईडन के साथ विमान में बैठ कर आए अमेरिकी पत्रकार प्रधानमंत्री निवास के भीतर जाने नहीं दिए गए। इन पंक्तियों के लिखने तक विदेशी एजेंसी ने अमेरिकी मीडिया की प्रधानमंत्री निवास के बाहर खाडी कारों का फोटो रीलिज किया न कि मोदी-बाईडन की मुलाकात का।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवान ने बताया, “यह मुलाकात इस अर्थ में अलग है कि यह प्रधानमंत्री के घर पर होगी। यह भारत के साथ एक आम द्विपक्षीय बैठक नहीं है जिसमें दोनों नेता प्रधानमंत्री के ऑफिस में मिलते हैं और साथ में दूसरे कार्यक्रम भी होते हैं।”

बहरहाल, शुक्रवार को राष्ट्र प्रमुखों और अन्य डेलिगेटों के दिल्ली पहुँचने के साथ जी-20 की शुरुआत हो गई है। लॉकडाउन की शांत आबोहवा में नेताओं की मौजूदगी पर दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं। क्या भारत की अध्यक्षता की शिखर बैठक में सचमुच सर्वमान्य साझा दस्तावेज बनेगा? या फिर केवल मेजबान भारत के लोगों  को लुभाने के लिए एक और चमक-दमक भरा आयोजन भर होगा? इन प्रश्नों का उत्तर चाहे जो हो पर यह पक्का है कि अगले दो दिनों में भी जो भी देखूंगी-सुनूंगी और महसूस करूँगीं, वह आपसे जरूर शेयर करूगी।  (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)

By श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

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