israel hamas ceasefire deal: आखिरकार वह दिन आ ही गया। वह दिन जब दुनिया राहत की सांस ले सकती है। हमास-इजराइल युद्ध विराम लागू हो गया है।
हालांकि यह केवल कुछ समय के लिए है। इजराइल-हमास युद्ध के दौरान गाजा में हो रही मौतें और विनाश हमारे अखबारों की सुर्खियों में कभी नहीं रहा।
मगर जब 90 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले हमास ने तीन इजरायली बंधक इजराइल को सौंपे, तो पुनर्मिलन की उमंग और खुशियां मनाते लोगों के वीडियो और फोटो की बाढ़ सी आ गई।
मगर जान लीजिए युद्ध खत्म नहीं हुआ है। युद्धविराम केवल घाव पर लगाई गई बैंडएड की पट्टी है जो कभी भी, किसी भी क्षण फट सकती है।
युद्धविराम 19 जनवरी की सुबह से प्रारंभ होना निर्धारित था, लेकिन इसे करीब तीन घंटे आगे बढ़ा दिया गया क्योंकि हमास निर्धारित समय-सीमा में उसके द्वारा छोड़े जाने वाले बंधकों के नाम बताने में नाकामयाब रहा।
इस बीच इजराइल के हवाई हमले तब तक जारी रहे जब तक हमास ने इन बंधकों के नाम जारी नहीं कर दिए। युद्धविराम के अगले चरण में इजराइल को पूरे गाजा से अपनी सेना हटानी है।
इसमें वे गलियारे भी शामिल हैं जो गाजा को मिस्र और आसपास के बफर जोन से काटते हैं।
इसमें सभी जीवित इजरायली बंधकों की रिहाई भी शामिल है। तीसरे चरण में शवों को लौटाया जाएगा और तबाह हुए गाजा का पुनर्निर्माण प्रारंभ होगा।
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विश्लेषक और प्रेक्षक इस ओर ध्यान दिलाते हैं कि समझौते के खाके में तीन चरणों का प्रावधान है।
इसे लागू करने के लिए चर्चाओं और वार्ताओं के नए दौर की जरूरत होगी और जैसे-जैसे युद्धविराम आगे बढ़ेगा इसमें कई तरह की समस्याएं और बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसका मार्ग और कठिन होता जाएगा।
इस बीच दोनों पक्ष एक ऐसे युद्ध में अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं जिसके बारे में कहा जा सकता है कि उसके समाप्त होने की संभावना बहुत कम है।
हमास के उग्रवादी सुरंगों से बाहर निकलकर अपनी बंदूके लेकर परेड कर रहे हैं ताकि गाजा मे रह रहे फिलिस्तीनियों, इजराइल और पूरी दुनिया तक यह संदेश साफ-साफ पहुंच जाए
हमास के लड़ाकों, पुलिस अधिकारियों, राजनैतिक नेताओं और सरकारी अफसरों को बड़ी संख्या में खोने के बाद भी अगर गाजा में किसी की तूती बोलती है तो वह है हमास।
मध्यपूर्व का चेहरा बदल दिया
दूसरी ओर इजराइल के प्रधानमंत्री ने बड़बोलेपन का बेशर्म प्रदर्शन करते हुए कहाः “हमने मध्यपूर्व का चेहरा बदल दिया है।” पहले उन्होंने हमास पर ‘पूर्ण विजय‘ का अव्यवाहारिक वायदा किया था।
लेकिन यह नहीं हो सका। गाजा में हमास यद्यपि पहले से बहुत कमजोर हो गया है, लेकिन उसका अस्तित्व अभी भी कायम है।
हमास इजरायली हमलों में अपने लगभग पूरे शीर्ष नेतृत्व को खो चुका है, लेकिन युवा कमांडरों की एक नई पीढ़ी सामने आ चुकी है और उन्हें चुनौती देने वाला कोई नहीं है।
इजराइल के विदेशमंत्री गिदोन सार ने स्पष्ट किया है कि हमास का राज इजराइल की सुरक्षा के लिए खतरनाक था और इजराइल ऐसे किसी स्थायी युद्धविराम के लिए राजी नहीं हुआ है जिसके चलते हमास की सत्ता कायम रहे।
वित्तमंत्री और अति-दक्षिणपंथी धार्मिक यहूदीवादी पार्टी के नेता बेजेल स्मोट्रिच, जो युद्धविराम समझौते के विरोधी थे, ने कहा कि नेतन्याहू ने उन्हें गारंटी दी है कि युद्धविराम का पहला चरण समाप्त होने के बाद इजराइल युद्ध जारी रखेगा।
यही वजह है कि समझौते की जानकारी देते हुए अपने भाषण में नेतन्याहू ने यह नहीं कहा कि युद्ध समाप्त हो गया है। बल्कि यह कहा कि “यदि हमें दुबारा लड़ाई छेड़नी पड़ी तो हम ऐसा नए तरीकों से और पहले से ज्यादा ताकत से करेंगे।”
हमास को सत्ता से हटा सकता है(israel hamas ceasefire deal)
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इजराइल अंततः हमास को सत्ता से हटा सकता है, वहीं अन्यों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते इजराइल के लिए दुबारा युद्ध छेड़ना बहुत मुश्किल होगा।
और यदि वह ऐसा करता भी है, तो इन विश्लेषकों के अनुसार गाजा पर पूरा कब्जा कायम किए बिना इजराइली सुरक्षा बलों के लिए हमास को जड़ से उखाड़ना बहुत चुनौतीपूर्ण होगा।
जैसा कि चैटम हाउस के सनम वकील ने लिखा है “इस बात पर जोर देना बहुत महत्वपूर्ण है कि यह एक समझौता, एक नाजुक सा युद्धविराम है। यह संघर्ष विराम नहीं है”।
फिलिस्तीनी पक्ष की ओर नजर डालें तो नकाबपोश हथियारबंद लोगों के नजर आने से यह नया डर पैदा हो गया है कि आंतकी धड़ों द्वारा हिंसा भड़काई जा सकती है
उन्हें लोगों का पूरा-पूरा समर्थन हासिल हो सकता है। लोग उन पर हुए भयावह जुल्मों का इंतकाम लेना चाहते हैं।
इस समय तो युद्धविराम मात्र एक चैन की सांस लेने के लम्हे जैसा लगा रहा है। कल जब ट्रंप सत्ता संभाल चुके होंगे, तब हालात बदल सकते हैं।
क्या युद्धविराम कायम रहेगा या अपने विरोधाभासों के बोझ तले अंततः टूट जाएगा? (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)