ज़िन्दगी और नियति को समझना बहुत दुष्कर है। आखिर क्या कारण है कि मज़ेदार लोग, अपने आसपास वालों को गुदगुदाने और हंसाने वाले लोग, अक्सर अपना समय आने से बहुत पहले दुनिया को अलविदा कह देते हैं? ऐसे दो शख्स हाल में दिवंगत हुए। रोबिन विलियम्स के बाद मैथ्यू पैरी हमेशा के लिए चले गए। दोनों अपनी मज़ाकिया अदाकारी के लिए दुनिया में जाने जाते थे। दोनों खूब हँसते थे और दूसरों को खूब हंसाते थे। पर दोनों अपने-अपने नर्क में जी रहे थे – मन के अन्दर छिपे दानवों, अपनी लतों और अपने अवसाद से जूझते हुए – ऐसे विचारों से लड़ते हुए जिन्हें हम-आप समझ ही नहीं सकते। मेरे बचपन में रोबिन विलियम्स ने मुझे खूब हंसाया और किशोरी के रूप में मैथ्यू ‘चैंडलर’ बिंग की हाज़िरज़वाबी और मज़ाक मेरे लिए ख़ुशी और दिलासा दोनों के स्त्रोत थे। अपने मज़ाहिया अंदाज़ के लिए मशहूर ये दोनों कलाकार बहुत जल्दी दुनिया छोड़ गए। सन 2014 में रोबिन विलियम्स ने जब आत्महत्या की तब वे 63 साल के थे। मैथ्यू पैरी पिछले शनिवार को 53 साल की आयु में हमें छोड़ गए। उनकी मौत का कारण अभी भी साफ़ नहीं है।
इन दोनों ही मौतों ने मुझे बहुत आहत किया। और आज मैं अपने मज़ाहिया नायक पैरी को उनके एक फैन के रूप में याद कर रही हूँ।
मैथ्यू पैरी ने प्रसिद्ध सिटकॉम ‘फ्रेंड्स’ में सबके दुलारे चैंडलर की भूमिका अदा की थी।‘फ्रेंड्स’ सीरियल की जबरदस्त सफलता के बारे में कुछ कहना शब्दों कोजाया करना होगा। और यह भी सब जानते ही हैं कि अब भी वह उतना ही लोकप्रिय है। इस सिटकॉम में चैंडलर बिंग के रूप में पैरी की दिल को छू लेने वाली भूमिका उन सभी के दिलोदिमाग में हमेशा के लिए दर्ज रहेगी जिन्होंने इस सिटकॉम को देखा है। मैंने ‘फ्रेंड्स’ के हर एपिसोड को अनगिनत बार देखा है और मैं ज़रा से भी संकोच के बिना खुद को इसका सुपर फैन कह सकती हूँ। मुझे इसका हर डायलाग, हर सीन याद है। कोविड महामारी के डरावने दिनों में मैंने नए सिरे से इसे देखा और इसने मुझे उस दौर की पीड़ा और अनिश्चितता से लड़ने की ताकत दी। और तब से, जब भी मन उदिग्न होता है, मैं नेटफ्लिक्स पर इसे खोलकर बैठ जाती हूँ।
चैंडलर मेरा प्रिय किरदार है। वह अपने ग्रुप का सबसे मजाहिया चरित्र है। इस किरदार के लिए पैरी के चुनाव और चैंडलर की जबरदस्त हाज़िरजवाबी के पीछे छुपी पीड़ा की छटपटाहट को सामने लाने में पैरी की सफलता ने इस शो की रिकॉर्ड कामयाबी में महती भूमिका निभाई। पैरी ने मुझे सिखाया कि व्यंग्य क्या होता है, उन्होंने मुझे व्यंग्य करना और समझना सिखाया, और व्यंग्य पर हँसना और रोना भी।
‘फ्रेंड्स’ के 1994 से लेकर 2004 तक 10 सीजन प्रसारित हुए है। यह न्यूयार्क शहर में रहने वाले छह युवा दोस्तों के जीवन, उनकी कारगुजारियों और उनके आपस के मज़ाकों की कहानी सुनाता है। यह नाटक तो है परन्तु नाटकीय कहीं से नहीं लगता। इस शो के शुरूआती प्रमोशनल में कहा गया था कि “यह आपके जीवन के उस दौर में सेक्स, प्यार, रिश्तों और करियर की बात करता है, जिस दौर में आपको सब कुछ संभव लगता है”। ‘फ्रेंड्स’ के पात्र पैसा, सेहत, काम और रिश्तों से जुड़े मसलों से परेशान हैं। उधारी के बोझ के तले दबे हुए और असफल रिश्तों के दर्द को सहते हुए भी प्रत्येक पात्र मस्त है और यह रेखांकित करता है कि बड़े होने की प्रक्रिया में हमें अनेक समझौते करने पड़ते हैं। इन मित्रों को राजनीति से कोई मतलब नहीं है, उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं है कि राष्ट्रपति के चुनाव में कौन उम्मीदवार है, नाटो क्या है, या अर्थव्यवस्था की स्थिति कितनी ख़राब है। उनके सपने ऐसे हैं जिनका पूरा होना संभव ही नहीं है और वे क़र्ज़ पर जी रहे हैं। मगर वे मज़े में हैं।‘फ्रेंड्स’ का हर पात्र अपनी मूर्खताओं या अपनी बेकसी से हमें हंसाता है। चैंडलर के चुटकुले कभी ख़त्म नहीं होते। वह अपने ग्रुप में सबसे रईस है। उसके पास खासी तनख्वाह वाली अच्छी-सी नौकरी है पर वह क्या काम करता है, यह उसके दोस्तों को भी ठीक से नहीं पता। पैरी ने मानों अपनी असली ज़िन्दगी को परदे पर उतार दिया था – एक ऐसी व्यक्ति की ज़िन्दगी, जिसमें लाख परेशानियाँ भी जिसके चेहरे से हंसी को जुदा नहीं कर सकती।
जिस समय पैरी को चैंडलर का किरदार अदा करने के लिए चुना गया था, वे केवल 24 साल के थे – फ्रेंड्स में से वे सबसे छोटे थे पर उन्होंने जो किरदार निभाया, वह कई अर्थों में फ्रेंड्स में से सबसे बड़ा था। चैंडलर दिखने में आकर्षक है मगर अपने दोस्तों में से सबसे कम दिलचस्प है। एक पेशेवर बतौर वह सफल है, उसके पास उसकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन है और वह अपने काम में निपुण है। उसे स्वेटर, बास्कट और सूट पहनना पसंद है। परन्तु जो उसे सबसे अलग करता है वह है कटाक्ष करने की उसकी प्रतिभा। वह दुनिया की सारी बदसूरती से वाकिफ है पर वह उसे एक चुटकुले की तरह देखता है। चैंडलर हमेशा व्यंग्यात्मक भाषा में और चकित होने का अभिनय करते हुए ऐसे प्रश्न पूछता है जिनका उत्तर उसे और सभी को पहले से पता है। उसका अंदाज़ निराला है।“क्या वह मेरी पहुँच से जितनी दूर है, उससे ज्यादा दूर हो सकती थी?” परन्तु उसका मसखरापन, उसकी वेदना को नहीं छुपाता। एक जगह वह कहता है, “मेरे माता-पिता के तलाक के बाद से मैंने मजाक को दुःख से लड़ने का हथियार बना लिया है।” जाहिर है कि वह साफ़ बात करने में यकीन रखता है। पैरी पहले ही अपनी अदाकारी से दर्शकों को यह बता चुके होते हैं कि चैंडलर के लिए चुटकुले और मजाक दरअसल उसकी ढाल हैं। अपनी मज़ाहिया टिप्पणियों, टेढ़ी हंसी और एकदम सही समय पर शब्दों को विराम देने की उसकी अदा, चैंडलर के चरित्र को और जटिल और एकदम आम मनुष्य जैसा बनाती है। वे उस पुरानी कहावत को चरितार्थ करते हैं कि “वक्त ट्रेजेडी को कॉमेडी में बदल देता है।”
परन्तु पैरी नहीं चाहते थे कि उन्हें केवल उनके किरदारों के लिए याद किया जाए। वे केवल चैंडलर बिंग नहीं बने रहना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सन 2022 में अपने संस्मरणों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जिसका शीर्षक था: “फ्रेंड्स, लवर्स एंड द बिग टेरीबिल थिंग”।इसमें उन्होंने शराब और ड्रग्स की लत से अपनी कई दशकों लम्बी लड़ाई का वर्णन किया। अपनी लतों के कारण वे 2018 में गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। उन्हें न्युमोनिया हुआ, उनकी बड़ी आंत फट गई, उन्हें कुछ समय लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रहना पड़ा, वे दो हफ्ते तक कोमा में रहे, उनकी पेट की एक दर्जन से ज्यादा बार सर्जरी हुई और नौ महीनों तक उन्हें कोलोसटोमी बैग के सहारे जीना पड़ा। उन्हें यह अहसास भी हुआ कि अपने 49 साल के जीवन में से आधा समय उन्होंने अस्पतालों और नशा-मुक्ति केन्द्रों में गुज़ारा है। इस पुस्तक में उन्होंने अपनी जीवन के कई दर्दनाक अनुभवों का खुलासा किया है। वे अपनी ही निगाहों में कैसे गिरे और अपने कई रूमानी रिश्तों, जिनमें जूलिया रोबर्ट्स सहित कई जानीमानी अभिनेत्रियों शामिल थीं, में वफ़ादारी के अभाव का मर्मस्पर्शी वर्णन इस पुस्तक में है। उन्होंने कभी शादी नहीं की और ना ही उनके बच्चे हैं। इस पुस्तक में एक स्थान पर वे कोष्ठकों के अन्दर लिखते हैं: “कृपया ध्यान दें: अगले कुछ पैरा में यह पुस्तक संस्मरण न होकर जीवनी बन जाएगी क्योंकि मैं वहां नहीं हूँ।” पैरी को उम्मीद थी कि “फ्रेंड्स, लवर्स एंड द बिग टेरीबिल थिंग” को अंततः किताबों की दुकानों के उस हिस्से में रख दिया जायेगा जहाँ सेल्फ-हेल्प किताबें रहतीं हैं। वे चाहते थे कि ‘फ्रेंड्स’ में उनके काम को उनकी उपलब्धियों की सूची में काफी नीचे रखा जाए।
पर ऐसा हुआ नहीं।
पैरी के करियर से किसी को भी ईर्ष्या हो सकती है। चैंडलर के रूप में वे मकबूल तो थे ही, जब यह सिटकाम अपनी लोकप्रियता के चरम पर था तब उन्हें हर एपीसोड के 10 लाख डालर मिला करते थे। उन्हें ‘वेस्ट विंग’, ‘फ्रेंडस के अंतिम सीजन और सन् 2007 की सीरीज ‘द रोन क्लार्क स्टोरी‘ में उनके अभिनय के लिए एमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।‘द होल नाइन यार्डस‘ हिट था। उनका हर किरदार मजेदार हुआ करता था – चाहे वे लिजा कुडरो के शो ‘वेब थैरेपी‘ में एली मेकबील रहे हों या कुछ और। वे ‘स्टूडियो 60 ऑन द सनसेट स्ट्रिप’, ‘मिस्टर सनशाइन’ और 2012 के सिटकाम ‘गो ऑन’ में अपनी भूमिकाओं को लेकर गर्वित महसूस करते थे। उन्होंने अपनी पुस्तक का लेखन समाप्त कर लिया था। अपने लंबे और कठिन संघर्ष के बाद उन्हें कुछ चैन और एक नई शुरूआत का मौका मिलना चाहिए था। उन्होंने स्क्रीनप्ले लिखना शुरू कर दिया था। वे भविष्य के प्रति बहुत आशान्वित थे। परंतु उन्हें अपने जीवन के नाटक में दूसरा अंक खेलने का मौका नहीं मिला। वे यह करना चाहते थे, और उन्हें यह करने का मौका मिलना चाहिए था।
‘फ्रेंडस’ की सार्वत्रिकता उनकी मृत्यु को और त्रासद बनाती है। क्या कई सितारे सिंडिकेशन और स्ट्रीमिंग के जरिए अमर नहीं हो जाते? परंतु वे हमारे बीच अपने पीछे ढ़ेर सारी खिलखिलाहट और हंसी छोड़ गए हैं। दूसरा चैंडलर कभी नहीं होगा। वे हमेशा जिंदा रहेंगे। मगर जब भी हम ‘फ्रेंडस’ में उनकी हाजिरजवाबी को देखेंगे तब हम अपने आपको रोने से नहीं रोक सकेंगे। उनकी मौत ने इस लहूलुहान दुनिया से थोड़ी और हंसी छीन ली है। (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)