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प्रिगोजिन की मौत, पुतिन का बदला?

यह तो होना ही था। रूस की प्राईवेट आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन की मौत का फरमान उसी दिन जारी हो हो गया था जिस दिन उन्होंने व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ नाकाम बगावत की थी। रूसी बदला लेने के लिए जाने जाते हैं और पुतिन का ट्रेक रिकार्ड है वे किसी को नहीं बख्श्ते, अपनों को भी नहीं। व्लादिमिर पुतिन के दौर में तो किसी का बचना मुमकिन ही नहीं है। प्रिगोजिन ने न केवल पुतिन की पीठ में छुरा भोंका था बल्कि उनकी बगावत से पुतिन की सत्ता, जिसे स्थिर माना जाता था, की कमजोरियां भी सामने आ गईं थीं। पुतिन की सर्वोच्चता की कलई खुल गई थी। गद्दार कभी दुबारा पुतिन का भरोसा हासिल नहीं कर पाते और वे अपने विरोधियों को दो श्रेणियों में बांटने के लिए जाने जाते हैं – दुश्मन और गद्दार। 

प्रिगोजिन की बगावत ने उन्हें निश्चित ही उन्हें दूसरी श्रेणी में रख दिया था। कई लोगों को तब बहुत आश्चर्य हुआ था जब पुतिन ने टेलिविजन पर देश को संबोधित करते हुए प्रिगोजिन को बेलारूस के अलेक्जेन्डर लुकासेन्को से सौदेबाजी करने और रूस से बाहर जाने की इजाजत दे दी थी। लेकिन प्रिगोजिन लंबे समय तक जीवित रह पाएंगे, इसमें गंभीर संदेह था। सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स का कहना है कि “बदला एक ऐसा व्यंजन है जिसे पुतिन ठंडा परोसा जाना पसंद करते हैं।”

और बगावत के ठीक दो महीने बाद, 23 अगस्त को पुतिन ने बदला लिया। कम से कम लगता तो यही है। प्रिगोजिन का हवाईजहाज़ – जिस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है – करीब 30,000 फीट की ऊँचाई पर उड़ रहा था। वह अचानक तेजी से नीचे गिरने लगा और ज़मीन पर गिर पड़ा। विमान में सवार सभी दस लोग मारे गए। रूस की एविएशन एजेंसी और सरकारी मीडिया के अनुसार इनमें प्रिगोजिन भी थे। प्रिगोजिन के वेगनर ग्रुप के प्रमुह सिपहसलार दिमित्री उत्किन, जिन्होंने जून में मास्को के लिए कूच करने वाले फौजी दस्ते का नेतृत्व किया था, का नाम भी यात्रियों की सूची में था। अभी तक पक्के तौर पर यह पता नहीं चला है कि इस विमान दुर्घटना की वजह क्या थी? चश्मदीदों ने जेट के गिरने से पहले विस्फोट की आवाज सुनने की बात कही है, जिससे ऐसा लगता है कि एयर डिफेन्स फोर्सेज ने जहाज़ को मार गिराया।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मानता है कि निश्चित ही यह पुतिन के हुक्म पर किया गया होगा। अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ़ शब्दों में कहा कि “क्या हुआ इसकी सटीक जानकारी मुझे नहीं है लेकिन जो हुआ उस पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं है। रूस में पुतिन की मर्जी के बिना ज्यादा कुछ नहीं होता। लेकिन मुझे इतनी जानकारी नहीं है कि मैं इसका सही-सही जवाब दे सकूं।” यूक्रेन के राष्ट्रपति के सहायक मायखायलो पोडोलयाक ने कहा कि विमान का गिरना पुतिन का 2024 के चुनाव के पहले रूस के कुलीन वर्ग के लिए एक कड़ा संदेश है। समझ लो: वफादार न होने का मतलब है मौत। ज्यादातर विशेषज्ञों, विश्लेषकों, पत्रकारों और रूसियों को यह बात सही लगती है।

यूक्रेन पर हमले के बाद से रूसियों के मन में भी पुतिन की छवि ‘एंटी हीरो’ की हो गई है। खासकर कुलीन वर्ग उनसे काफी नाराज है क्योंकि रूस पर लगे प्रतिबंधों का उनके व्यापार और उनकी हैसियत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। और प्रिगोpfन के पहले भी कई रूसी कुलीन व्यपारी, जो जाने-माने नहीं थे, मारे गए हैं। पिछले डेढ़ साल में गैस-उद्योग से जुड़े दो अधिकारियों की लाश सुसाइड नोट के साथ मिल चुकी है। तीन रूसी अधिकारी अपनी पत्नियों और संतानों के साथ मृत पाए गए, जो शायद हत्या-आत्महत्या के मामले थे। सूची स्थित एक रिसोर्ट के मालिक की लाश एक खड़ी चट्टान के निचले सिरे पर मिली। सेंट पीटर्सबर्ग में एक अन्य अधिकारी का शव एक स्विमिंग पूल में तैरता हुआ मिला। कुछ अन्य लोग मास्को, भारत, फ्रेंच रिवेरा और वाशिंगटन डीसी में खिड़की से गिर गए या सीढ़ी से लुढ़क गए। प्रिगोजिन की हत्या – जो एक हाईप्रोफाइल कत्ल है – से सभी को यह साफ और जोरदार संदेश दिया गया है कि रूस में कोई भी पुतिन से पंगा नहीं ले सकता।

प्रिगोजिन की बगावत, उनकी हत्या, अन्य कुलीनों के क़त्ल, एक युद्ध जिसमें वे हार की ओर बढ़ रहे हैं और एक भयभीत पुतिन – यह सब इस ओर इशारा करता है कि रूस कमजोर होता जा रहा है। हमले के बाद से रूस में एकता नहीं हैं, वहां की जनता और वहां का कुलीन वर्ग दोनों में से कोई भी युद्ध और पुतिन जिस रास्ते पर चल रहे हैं, उसे लेकर एकमत नहीं है। क्रेमलिन में भी मतभेद हैं जो बढ़ते जा रहे हैं और रूसी नेतृत्व की विभिन्न शाखाओं में समन्वय भी नहीं है। वेगनर से जुड़े एक समूह ग्रे जोन ने टेलीग्राम पर धमकी दी है कि “इस हत्या के नतीजे गंभीर होंगे और जिन लोगों ने इसका हुक्म दिया है वे सेना के मूड और उसके मनोबल को बिलकुल नहीं समझते हैं।”

जहां तक व्लादिमिर पुतिन का सवाल है, हो सकता है आज उन्होंने अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया हो। वे स्ट्रोंगमैन बने हुए हैं। लेकिन प्रिगोजिन की हत्या से और खुलासे होंगे और रूस में पीठ में छुरा भोंकने, हत्याओं और हमलों में और इज़ाफा होगा। (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)

By श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

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