दिल्ली

टिकट के लिए ‘आप’ की शर्त

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टिकट के लिए ‘आप’ की शर्त
आप पार्टी में निगम चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों को अब पहले एक नई अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। इस नई परीक्षा के नतीजे सौ फ़ीसदी हिमाचल विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद और दिल्ली नगर निगम चुनावों से पहले आना तय है। अब आप इसे आप केजरी टेक्स कहें या फिर कहें पार्टी की मदद ये तो आप जानें पर शहर में आजकल इसकी चर्चा खूब चल रही है। लेकिन अगर भ्रष्टाचार दूर करने के नाम पर जन्मी इस पार्टी में भी अपनी ही पार्टी के लोगों से इस तरह का सलूक होगा तो लोग क्या कहेंगे सोचिए केजरीवाल जी। चर्चा है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालें को अब पहले हिमाचल चुनाव के लिए भेजा जाएगा। जिसका पार्टी नहीं बल्कि उसी व्यक्ति को खर्चा उठाना होगा। फरमान सिर्फ़ इतना ही नहीं बल्कि हिमाचल चुनाव के लिए जाने की इच्छा रखने वाले को अपने साथ पाँच कार्यकर्ताओं को भी ले जाना होगा। और अगर टिकट चाहते हैं और हिमाचल जाना नहीं चाहते हैं तो पांच साथियों को हिमाचल जाने के लिए स्पोंसर करना होगा। ये सभी हिमाचल चुनाव से पहले पार्टी के लिए ज़मीन तैयार करेंगे। अब भला हो अपने केजरीवाल का कि निगम चुनाव टिकट की चाहत रखने वालों के लिए परीक्षा तो रख दी पर चुनावों का अभी भरोसा नहीं है। Read also चीन से बिदकता पाकिस्तान दिल्ली में पहले तो ख़ाली हुई राजेंद्र नगर विधानसभा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है इसके बाद ही निगम चुनाव की बारी आनी है और वो भी तब जब भाजपा की ज़मीन इन निगम चुनाव के लिए माफ़िक़ हो जाए। अब केजरीवाल की इस परीक्षा में कितने लोग बैठते हैं यह बाद की बात है फिलाहल केजरीवाल या फिर वरिष्ठ नेताओं का यह बेहूदा फ़रमान दिल्ली में चर्चा का विषय तो बना ही हुआ है साथ ही इसे लेकर केजरीवाल की आलोचना अलग हो रही है। अब भला यह भी कौन जाने कि ऐसे फ़रमान की निकासी केजरीवाल से या किन्हीं वरिष्ठ नेता से हुई भी है ? या फिर पार्टी को बदनाम करने की कहीं विरोधियों की कोशिश तो नहीं।
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