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अंदर सत्येंद्र तो बाहर केजरीवाल हैं परेशान

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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ़्तारी से भाजपा को कितना राजनीति लाभ मिल पाता है यह बाद की बात है पर फिलाहल तो भाजपा नेता सत्येंद्र पर कम और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ज़्यादा कोसने में लगे हैं। दो दिन पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूडी ने इस गिरफ़्तारी को लेकर केजरीवाल को खूब खरी-खोटी सुनाई और रही बची कसर सांसद गौतम गंभीर ने पूरी कर ली। हाँ यह ज़रूर कि दोनों का निशाना सत्येंद्र कम और केजरीवाल ज़्यादा रहे। चर्चा तो यह भी चल रही है कि राजेंद्र नगर विधानसभा के उप- में भी भाजपा केजरीवाल सरकार को भ्रष्टाचारी सरकार बता वोट की जुगत में रहेगी। अब सरकार अपनी हो तो नेता कुछ ज़्यादा तो बोलते ही हैं सो अपने बिधूडी ने भी कह डाला कि सारे भ्रष्टाचारी जेल भेजे जांएगे।

अब राजनेता अगर अपने-अपने गिरेबान में झांक लेंगे तो कम ही ऐसे होंगे जो ऐसे आरोपों में जेल जाने से बच सकेंगे। पर मज़े की बात यह रही कि बिधूडी के साथ पार्टी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी रहे पर उन्होंने गुप्ता को बोलने का मौक़ा ही नहीं दिया भला होता कि ऐसे गर्म मौक़े पर अपने अध्यक्ष भी कुछ सुर्ख़ियों में रह जाते। अब भला केजरीवाल यह कहते रहें कि सरकार जैन के साथ खड़ी है तो भय्या खड़े होकर करेगी क्या सरकार करना तो भाजपा को है। केजरीवाल तो बेचारे बैकफ़ुट पर पड़े हैं। यह अलग बात है कि चुनावी बदनामी से बचने के लिए पार्टी इसे राजनीतिक रंग देने की बात कहती रहे या फिर हफ़्ते बाद भी मंत्री पद से जैन को नहीं हटाए। भला हो जैन के हमसफ़र जीवाश्म का कि वे जैन के कितना समर्थन में बोलते हैं और कितना विरोध में पर चुनाव से पहले फ़्री हो पाने की तो शायद जैन भी उम्मीद नहीं रखें होंगे। बात बची है तो सिर्फ़ काले और सफ़ेद धन की ।पेंच यही कि कैसे काले से सफ़ेद हो गया धन और कैसे सफ़ेद से काले हो गए अपने जै।

By ​अनिल चतुर्वेदी

जनसत्ता में रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव। नया इंडिया में राजधानी दिल्ली और राजनीति पर नियमित लेखन

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