
भाजपा और कांग्रेस की तरह अब आप पार्टी के नेताओं में तलवारें खिंचती दिख रही हैं। राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव को लेकर पिछले हफ़्ते हुई पार्टी की बैठक यूँ तो दमदार हुई लेकिन कुछ समय बाद जैसे ही पार्टी ने दुर्गेश पाठक को प्रभारी बनाने की घोषणा की तो चुनाव लड़ने की उम्मीद लगाए नेता और उनके समर्थक न सिर्फ़ आपा खो बैठे बल्कि अपने नेता के लिए टिकट को लेकर हंगामा तक करने लगे और नारेबाज़ी शुरू कर दी। अब भला इलाक़े के विधायक राघव चड्डा के राज्यसभा जाने के साथ ही पूर्व विधायक विजेन्द्र गर्ग को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो चुकी थीं पर चड्डा और गर्ग के बीच मतभेदों के चलते भी गर्ग को टिकट मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी।लेकिन पिछले दिनों हुई बैठक ने लगता है गर्ग को निराश कर दिया तभी उनके समर्थक गर्ग को टिकट दिए जाने की माँग कर रहे हैं।
यह अलग बात है कि गर्ग पार्टी संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नज़दीक माने जाते हैं। पर राघव चड्डा भी केजरीवाल के कम नज़दीक नज़दीक नहीं हैं सो अब गर्ग के चहेतों को उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद कम लगने लगी है।लेकिन गर्ग अपनी टिकट पक्की मान प्रचार में तो लगे ही हुए हैं। अब पार्टी इस चुनाव में किसे अपना उम्मीदवार बनाती है यह अलग बात है खबर तो यह भी है कि प्रभारी बनाए जाने के बाद दुर्गेश पाठक ने पार्टी के पूर्व विधायक की जगह पर ही चुनावी दफ़्तर खोला दिया है। पर यह ज़रूर है कि आप पार्टी के विरोधी भी इस चुनाव में गर्ग के चुनाव जीतने की उम्मीद ज़्यादा रखे हुए थे। ज़ाहिर है कि पार्टी अगर किसी दूसरे को उम्मीदवार बनाती है तो कम समय में उसे मेहनत तो ज़्यादा करनी ही होगी साथ ही भितरघात से भी जूझना होगा। भला हो पार्टी के नेता गोपाल राय का कि उन्होंने इस बैठक में चुनाव जीतने के मंत्र तो दिए पर यह मंत्र विरोधियों पर क्या असर कर पाता है यह देखना होगा