आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी, टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू चाहे समाजवादी पार्टियों के साथ रहें, कांग्रेस के साथ रहें या भाजपा के साथ रहें उनकी राजनीति का एक सलीका है। वे लोकतांत्रिक व्यक्ति हैं और विकास की राजनीति करते हैं। लेकिन इस बार जब वे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं तो बदले बदले से दिख रहे हैं। तभी सवाल उठ रहा है कि उनको क्या हुआ? क्या इस साल के विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने एक घोटाले में उनको गिरफ्तार कराया और जेल में रखा, उससे उनकी सोच बदल गई है और इसी वजह से उनकी राजनीति का तरीका बदल गया है?
इसका जवाब आसान नहीं है। लेकिन यह हकीकत है कि इस बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वे विपक्ष के ऊपर बहुत सख्त हैं। उनकी सरकार ने जगन मोहन रेड्डी के कार्यालय पर बुलडोजर चलवा दिया। इतना ही नहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के सोशल मीडिया पोस्ट पर इतने मुकदमे हो रहे हैं, जिसकी मिसाल नहीं मिलेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने वाईएसआर कांग्रेस के 49 नेताओं को गिरफ्तार कराया है। खबर है कि सरकार ने जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के नेताओं को करीब सात सौ नोटिस भिजवाई है और डेढ़ सौ के करीब मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि नायडू किसी तरह से जगन मोहन को जेल भेज कर अपना बदलना निकालना चाहते हैं।