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आंध्र प्रदेश में भाजपा की दुविधा

आंध्र प्रदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी की दुविधा खत्म नहीं हो रही है। तेलुगू देशम पार्टी को एनडीए में शामिल कराना है लेकिन वोट का भी ध्यान रखना है और जगन मोहन रेड्डी की संवेदनशीलता का भी ध्यान रखना है। संसद के चालू सत्र में सरकार को जगन के समर्थन की जरूरत है इसलिए टीडीपी पर फैसला अभी टला है। लेकिन उसके साथ ही यह चिंता भी है कि 10 फीसदी के करीब कम्मा वोट के लिए क्या भाजपा चंद्रबाबू नायडू को फिर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर स्वीकार करे या 30 फीसदी के करीब वोट वाले कापू समुदाय के किसी नेता को आगे करे?

ध्यान रहे जन सेना के नेता पवन कल्याण कापू समुदाय से आते हैं, जिसका करीब 30 फीसदी वोट है। इसी वोट के दम पर पवन कल्याण के भाई और तेलुगू फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी राजनीति में उतरे थे। उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी लेकिन बहुत ज्यादा कामयाबी नहीं मिली तो वे बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अभी पवन कल्याण भाजपा के साथ हैं। वे भी चाहते हैं कि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को एनडीए में लाया जाए। अगर सीएम पद को लेकर विवाद नहीं हो और कापू व कम्मा दोनों एक साथ आ जाएं तो जगन मोहन के लिए मुश्किल हो सकती है। इसे समझ कर जगन मोहन अब कापू समुदाय के एक पुराने दिग्गज नेता एम पद्नाभन को फिर से  सक्रिय करा रहे हैं। वे गोदावरी जिले से आते हैं।

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