अरविंद केजरीवाल को हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले जमानत मिलने को लेकर कई तरह की साजिश थ्योरी की चर्चा है। जैसे बीआरएस की नेता के कविता को मिली जमानत पर हुई थी। तब तो तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कह दिया था कि भाजपा और बीआरएस की डील के तहत कविता को जमानत मिली है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सख्त ऐतराज जताया और रेवंत रेड्डी ने माफी मांगी। इसी तरह केजरीवाल की जमानत को लेकर भी कहा जा रहा है कि एजेंसियों ने उनको जमानत मिलने दी ताकि उनका राजनीतिक इस्तेमाल हो सके। पता नहीं है वे भाजपा के कितना काम आएंगे लेकिन इस बात की चर्चा जरूर है। साजिश थ्योरी के मुताबिक कहा जा रहा है कि एजेंसियां नरम रुख रखें इसकी पहली शर्त थी कि केजरीवाल कांग्रेस के साथ तालमेल न करें।
गौरतलब है कि हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच तालमेल की बहुत सीरियस बातचीत हुई थी। कांग्रेस पांच सीट देने को तैयार थी लेकिन आप 10 सीटों पर अड़ी रही और तालमेल नहीं हुआ। इसके थोड़े दिन बाद केजरीवाल को जमानत मिल गई। अब कहा जा रहा है कि अगर केजरीवाल दिल्ली में कैलाश गहलोत को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो वह भी भाजपा की रणनीति का हिस्सा होगा। इससे हरियाणा में आप को जाट मिलेंगे, जो कि कांग्रेस के सबसे बड़े समर्थक हैं। संभवतः इसी बात को ध्यान में रख उप राज्यपाल ने कैलाश गहलोत को स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के लिए चुना था। बहरहाल, केजरीवाल, जिसको भी सीएम बनाएं, साजिश थ्योरी में उसका कोई न कोई रोल खोज ही लिया जाएगा। तीसरी बात यह है कि हरियाणा में केजरीवाल प्रचार में कांग्रेस को निशाना बनाएं। और दिल्ली व पंजाब की सीमा से सटे सीटों पर ज्यादा ध्यान दें। गौरतलब है कि इन दोनों राज्यों में आप की सरकार है। देखना है कि केजरीवाल ऐसा करते हैं या नहीं।