दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है लेकिन वे एक तरह से उप मुख्यमंत्री बन गई हैं। वे दिल्ली सरकार की नई मनीष सिसोदिया हैं। सिसोदिया के शराब नीति घोटाले में जेल जाने से पहले उनके पास 18 मंत्रालयों का प्रभार था। आतिशी के पास भी अब 13 मंत्रालय हो गए हैं। खास बात यह है कि सिसोदिया की ही तरह आतिशी के पास भी तमाम महत्वपूर्ण और आम आदमी पार्टी की सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का संचालन करने वाले मंत्रालय हैं। उनके साथ ही मंत्री बनाए गए सौरभ भारद्वाज के पास पानी का महत्वपूर्ण मंत्रालय था, जिसे लेकर आतिशी को दे दिया गया है। ध्यान रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है लेकिन जिस एक विभाग को उन्होंने अपने कामकाज के लिए चुना था वह पानी का मंत्रालय ही था।
बहरहाल, आतिशी के पास शिक्षा, बिजली, लोक निर्माण विभाग यानी सड़क, पानी जैसे तमाम अहम मंत्रालय हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनके कामकाज से काफी प्रभावित हैं। इस साल दिल्ली की बाढ़ के समय उन्होंने अपनी सक्रियता से छाप छोड़ी। तभी यह भी कहा जा रहा है कि वे दिल्ली सरकार में ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी में भी मनीष सिसोदिया का विकल्प बन रही हैं। वे ऑक्सफोर्ड से पढ़ी हैं, महिला हैं और दिल्ली के विशाल मध्य वर्ग में उनकी स्वीकार्यता बन सकती है। अगर जातीय समीकरण की बात करें तो जेल में बंद सिसोदिया और संजय सिंह की गैरहाजिरी में वे ठाकुर समाज का प्रतिनिधित्व भी कर रही हैं। तभी यह माना जा रहा है कि सिसोदिया के जेल से छूटने के बाद भी मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। केजरीवाल शायद ही आतिशी को मंत्रालय से हटा कर सिसोदिया को बहाल करेंगे। सिसोदिया के लिए कुछ अलग भूमिका सोची जाएगी।