कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मनमोहन सिंह की सरकार में वित्त व गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम के बेटे और तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम को अदालत से बड़ी राहत मिली है। वे आईएनएक्स मीडिया घोटाले से लेकर कई किस्म के घोटालों में आरोपी हैं और कुछ समय तक जेल में बिता चुके हैं। उनका पासपोर्ट पहले जमा कराया गया था। अब भी उनको विदेश जाना होता है तो सुनवाई अदालत से पूर्व अनुमति लेनी होती है। अदालत को कम से कम दो हफ्ते पहले यात्रा की डिटेल देनी होती है। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में उनको बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने विदेश यात्री की पूर्व अनुमति लेने की जमानत की शर्त को समाप्त कर दिया है। यानी अब वे अदालत की अनुमति के बगैर विदेश यात्रा कर सकते हैं।
अदालत के फैसले पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है लेकिन कार्ति चिदंबरम को मिली राहत की टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। एजेंसियों ने अदालत के सामने उनको मिलने वाली छूट का विरोध नहीं किया। यह छूट उनको ऐसे समय में मिली है, जब उनके पिता पी चिदंबरम ने कांग्रेस की मिट्टी पलीद करनी शुरू की है। चिदंबरम ने अपने एक बयान से हमेशा के लिए कांग्रेस को विदेशी दबाव में झुकने वाली पार्टी के तौर पर स्थापित कर दिया है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करना चाहता था लेकिन अमेरिका के दबाव में उसने कार्रवाई नहीं की। भाजपा पहले यह आरोप लगाती थी लेकिन चिदंबरम ने इस आरोप की पुष्टि कर दी है। इसी तरह 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर भी चिदंबरम ने कहा है कि यह एक गलत फैसला था, जिसका खामियाजा इंदिरा गांधी को जान देकर चुकाना पड़ा। हो सकता है कि आने वाले दिनों में वे कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले और भी बयान दें।
