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बिहार भाजपा का मिशन दो सौ प्लस

लोकसभा चुनाव में भाजपा का मिशन चार सौ प्लस की खुमार अभी उतरा नहीं है कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने दो सौ प्लस सीट का लक्ष्य तय कर दिया। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के लिए अबकी बार चार सौ पार का नारा दिया तो भाजपा 240 और एनडीए 293 सीटों पर रूक गया। पार्टी के नेताओं ने माना है कि चार सौ पार का नारा नुकसान कर गया। इसके दो नुकसान हुए। पहला तो यह कि विपक्ष को यह प्रचार का मौका मिला कि भाजपा चार सौ सीट इसलिए मांग रही है ताकि संविधान और आरक्षण खत्म कर सके। दूसरा नुकसान यह हुआ कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लापरवाह हो गए। इतना ही नहीं कई जगह उन्होंने पार्टी लाइन से हट कर जाति या स्थानीय मुद्दों के हिसाब से पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया।

तभी बिहार में भाजपा के मिशन दो सौ प्लस को लेकर यह आशंका जताई जा रही है कि इससे कार्यकर्ता लापरवाह होगा। दूसरा सवाल यह भी है कि जब लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों के चेहरे पर एनडीए ने चुनाव लड़ा तो उसे बिहार की 243 में से 175 विधानसभा सीटों में बढ़त मिली। फिर वह कैसे विधानसभा में दो सौ से ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रही है? एक बार 2010 में जनता दल यू और भाजपा गठबंधन को 207 सीटें मिली थीं। लेकिन वह पहले कार्यकाल में किए गए काम का इनाम था। उसके बाद से लगातार कमी होती गई है। ऊपर से इस बार राष्ट्रीय जनता दल पहले से ज्यादा मजबूत है। उसका गठबंधन भी मजबूत है। तभी भाजपा को लोकसभा चुनाव के नतीजों का वस्तुनिष्ठ आकलन करना चाहिए। साथ ही उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि नीतीश कुमार के साथ किसी तरह का विवाद न हो। वे साथ रहेंगे तभी भाजपा के लिए कुछ संभावना है।

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