राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

नीतीश की पार्टी में गुटबाजी

Image Source: ANI

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र और सेहत को लेकर कई महीनों से चर्चा चल रही है और अलग अलग घटनाओं से इन चर्चाओं की सचाई भी सामने आती है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अब बहुत सक्रिय नहीं हैं। पार्टी के नेता और उनके करीबी अधिकारी नियंत्रित वातावरण में उनको कहीं कहीं ले जा रहे हैं और जनता को यह मैसेज दे रहे हैं कि नीतीश सक्रिय हैं। लेकिन पार्टी के अंदर जिस तरह से गुटबाजी बढ़ी है और नेता अनाप शनाप बयान देने लगे है उससे लग रहा है कि नीतीश की कमान ढीली हो गई है। उनके करीबी नेता और अधिकारी स्पष्ट रूप से तीन गुट में बंट गए हैं और तीनों गुटों के नेता अपनी अपनी राजनीति कर रहे हैं।

एक गुट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का है। वे केंद्रीय मंत्री नहीं बन पाने की वजह से नाराज हैं। लेकिन प्रदेश में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार और पूर्व आईएएस अधिकारी दीपक कुमार के साथ एक गुट बनाया है और कहा जा रहा है कि यह गुट सबसे शक्तिशाली है। एक दूसरा गुट नीतीश के करीबी रहे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह का है। राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी इस गुट में हाल में शामिल हुए हैं। तीसरा गुट पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा का है, जिनको पिछले दिनों पार्टी में शामिल कराया गया और महासचिव बना कर बड़ी जिम्मेदारी दी गई। उनको नीतीश के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है। उनके साथ नीतीश के करीबी और भरोसेमंद नेता व राज्य सरकार के मंत्री विजय चौधरी जुड़े हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *