राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

भाजपा की लिस्ट में जमकर परिवारवाद

Lok sabha election

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने जाएंगे तब सबकी नजर इस बात पर होगी कि वे परिवारवाद को लेकर क्या बोलते हैं। आखिर यह उनका सबसे पसंदीदा विषय है और वे संसद के पटल से लेकर लाल किले की प्राचीर से कह चुके हैं कि भारत के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा परिवारवाद है। हरियाणा इस पर बात करने के लिए और खास जगह इसलिए है क्योंकि कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा कमान संभाले हुए हैं, जो एक बड़े राजनीतिक परिवार से आते हैं तो तीसरा और चौथा मोर्चा चौधरी देवीलाल के बेटे, पोते और परपोते संभाल रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को कायदे से हरियाणा में परिवारवाद को बड़ा मुद्दा बनाना चाहिए।

लेकिन क्या वे ऐसा करेंगे? यह सवाल इसलिए है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची राजनीतिक परिवार के सदस्यों से भरी हुई है। पार्टी ने 67 में एक दर्जन ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जो किसी न किसी राजनीतिक परिवार के सदस्य हैं। इतना ही नहीं इनमें कई उम्मीदवार तो ऐसे हैं, जिनके माता पिता अब भी सक्रिय हैं और भाजपा ने उनको भी कुछ न कुछ पद दे रखा है। यानी पिता पुत्र या पिता पुत्री या मां बेटी को एक साथ एडजस्ट किया गया है। यह भी दिलचस्प है कि अपनी पार्टी में राजनीतिक परिवार वाले उम्मीदवार नहीं मिले तो दूसरी पार्टी से लाकर टिकट दी गई है। जैसे कांग्रेस की पुरानी नेता और हरियाणा के तीन लालों में से एक बंशीलाल की बहू किरण चौधरी को भाजपा ने अभी राज्यसभा में भेजा है। साथ ही उनकी बेटी श्रुति चौधरी को अपनी मां की पारंपरिक तोशाम सीट से उम्मीदवार भी बनाया है। सोचें, पिछली बार भाजपा ने चौधरी बीरेंद्र सिंह के सामने शर्त रखी थी कि उनके और उनके आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह में से किसी एक को ही पद मिलेगा। तभी बृजेंद्र सिंह नौकरी छोड़ कर सांसद बने थे। लेकिन इस बार किऱण चौधरी के सामने ऐसी शर्त नहीं रही।

बहरहाल, भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव को अटेली सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। हरियाणा के बहुचर्चित तीन लालों में से एक भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को पार्टी ने फिर से आदमपुर सीट से टिकट दी है। तीन दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुईं पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा को भाजपा ने कालका सीट से उम्मीदवार बनाया है। उनके बेटे कार्तिकेय शर्मा भाजपा की मदद से हरियाणा से राज्यसभा सदस्य चुने गए हैं। इसी तरह कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान को भाजपा ने दादरी सीट से टिकट दी है। इनके बारे में दिलचस्प बात यह है कि ये रोहतक की सुनरिया जेल के अधीक्षक थे, जहां बलात्कार और हत्या का दोषी राम रहीम बंद था। इनके जेल प्रमुख रहते राम रहीम को छह बार पैरोल या फरलो मिली थी। राव नरबीर सिंह बादशाहपुर से टिकट लेने में कामयाब हुए हैं। उनके पिता महावीर सिंह यादव राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं और उनके दादा मोहर सिंह यादव देश विभाजन से पहले पंजाब में विधान परिषद के सदस्य थे। यानी वे भी तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इन सब लोगों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी परिवारवाद के ऊपर कितना तीखा हमला करते हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें