दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है। दो सितंबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला सदस्य बना कर इसकी शुरुआत की थी। बाद में नड्डा ने पार्टी के संस्थापकों लालकृष्ण आडवाणी और डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी के घर जाकर उनको सदस्य बनाया तो कहीं कहीं इसकी चर्चा हुई। लेकिन उसके बाद से चर्चा नहीं हो रही है। उलटे सदस्यता अभियान को लेकर नकारात्मक खबरें ज्यादा आ रही हैं। भाजपा छह साल पहले की ही तरह मोबाइल के मिस्ड कॉल से भी सदस्य बना रही है लेकिन सदस्यता अभियान जोर नहीं पकड़ रहा है। कई राज्यों में भाजपा का सदस्यता अभियान बहुत फीका चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में सबसे ज्यादा विवाद हैं। वहां बड़ी संख्या में लोगों को जबरदस्ती सदस्य बनाने की खबरें हैं तो फर्जी सदस्य बनाए जाने की भी कई खबरें हैं। गुजरात में एक महिला इंजेक्शन लगवाने गई थी, जहां उसका मोबाइल नंबर लिया गया और एक ओटीपी शेयर करने को कहा गया। उसने जैसे ही ओटीपी शेयर किया उसके मोबाइल पर भाजपा का प्राथमिक सदस्य बनने का मैसेज आ गया। सोचें, स्वास्थ्य केंद्रों पर इस तरह से फर्जी सदस्य बनाए जा रहे हैं! यह घटना विसनगर की है। इसी तरह सुरेंद्रनगर में स्कूली बच्चों को भाजपा का सदस्य बनाए जाने की खबरें आईं हैं, जिसके बाद अभिभावकों ने शिकायत की। अब भाजपा ने कहा है कि वह इसकी जांच कराएगी। यहां तक कहा जा रहा है कि कई जगह भाजपा के नेता सदस्य बनाने के लिए पैसे का प्रस्ताव दे रहे हैं। एक सौ सदस्य बनाने पर पांच सौ रुपए मिल रहे हैं, जिसके लालच में लोग फर्जी सदस्य बना रहे हैं। गुजरात में भाजपा के नेताओं ने दो करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है लेकिन पहले तीन हफ्ते में वह लक्ष्य के आसपास भी नहीं है।
गौरतलब है कि पहले भाजपा ने 51 दिन में 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है और दावा किया जा रहा है कि पहले 20 दिन में चार करोड़ सदस्य बन चुके हैं। इस औसत के हिसाब से 50 दिन में 10 करोड़ सदस्य बन जाएंगे। अभी तक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एक करोड़ सदस्य बने हैं। भाजपा का सदस्यता अभियान मोटे तौर पर अभी उन्हीं राज्यों में चर्चा में है या उन्हीं राज्यों में सदस्य बन रहे हैं, जो पारंपरिक रूप से भाजपा का मजबूत गढ़ रहे हैं। जैसे उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में भी 50 लाख सदस्य बनाने की खबर है। सो, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों में भाजपा के ज्यादा सदस्य बन रहे हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों में भी रफ्तार ठीक ठाक है लेकिन बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल या दक्षिण व पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में इसका माहौल फीका है। ऊपर से जोर जबरदस्ती या फर्जी तरीके से या लालच देकर सदस्य बनाने की खबरों से भी नकारात्मक संदेश जा रहा है। भाजपा के नेता मान रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद सदस्यता अभियान शुरू होने से लोगों में थोड़ा कम उत्साह है।