राज्यसभा की 12 सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा हो गई है। चुनाव आयोग ने एक बार फिर चौंकाया है। आमतौर पर चुनाव की घोषणा के साथ ही अधिसूचना जारी हो जाती है और नामांकन शुरू हो जाता है। खासतौर से तब जबकि सीट दो महीने से खाली हो। लेकिन चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव की घोषणा से एक महीने बाद अधिसूचना जारी होगी। आयोग ने तीन दिन पहले चुनाव की घोषणा की और कहा कि 14 अगस्त से नामांकन होंगे और चुनाव तीन सितंबर को होगा। यह भी पहली बार हो रहा है, जब चुनाव की घोषणा के इतने दिन बाद मतदान होगा। बहरहाल, चुनाव की घोषणा के साथ ही नेताओं की दावेदारी तेज हो गई है।
जिन 12 सीटों पर उपचुनाव होगा उनमें से एक उपेंद्र कुशवाहा को छोड़ कर किसी का नाम तय नहीं है। बिहार की एक सीट से उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए ने उम्मीदवार बना दिया है। बिहार की दूसरी सीट भाजपा के खाते में जाएगी। इस एक सीट के लिए आधा दर्जन दावेदारों के नाम की चर्चा है। सबसे ज्यादा चर्चा महाराष्ट्र की दो और हरियाणा की एक सीट को लेकर है। इन दोनों राज्यों में अगले दो महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। महाराष्ट्र में पीयूष गोयल और उदयनराजे भोसले की सीट खाली हुई है और हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा की। ये तीनों सीटों भाजपा के खाते में जाएंगी। भाजपा को चुनाव के लिहाज से सामाजिक समीकरण साधना है। गौरतलब है कि सभी 12 सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी। उसे तीन सीटों का फायदा हो रहा है। बिहार में राजद की मीसा भारती, हरियाणा से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा और राजस्थान से कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल की सीट खाली हुई है, जो भाजपा को मिलेगी। इसके अलावा त्रिपुरा से बिप्लब देब, असम से कामाख्या प्रसाद तासा और सर्बानंद सोनोवाल और मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट खाली हुई है।