जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज होती जा रही है। ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां टारगेट पूरा करने के लिए ओवरटाइम कर रही हैं। तभी पिछले हफ्ते लगभग हर दिन कहीं न कहीं बड़ी कार्रवाई हुई है और माना जा रहा है कि यह सिलसिला चलता रहेगा। शुरुआत दो अक्टूबर यानी महात्मा गांधी की जयंती के अगले दिन हुई। तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस ने देश भर में एक सौ जगहों पर छापे मारे और करीब 35 पत्रकारों को हिरासत मे लिया। उनको दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के कार्यालय में ले जाया गया, जहां पूछताछ के बाद ज्यादातर लोगों को घर जाने दिया गया। लेकिन प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक से जुड़े एक प्रशासनिक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके अगले दिन यानी चार अक्टूबर, बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के यहां छापा मारा और शाम होते होते उनको गिरफ्तार कर लिया। 15 सितंबर को संजय मिश्रा के रिटायर होने और राहुल नवीन को ईडी का कार्यकारी प्रमुख बनाए जाने के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई थी। इसके अगले दिन यानी पांच अक्टूबर, गुरुवार को ईडी ने पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री रथिन घोष के 13 ठिकानों पर छापा मारा और उसी दिन आयकर विभाग ने तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के सांसद एस जगतरक्षकन के 30 परिसरों पर छापेमारी की। जगतरक्षकन केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
इसके अगले दिन यानी छह अक्टूबर, शुक्रवार को आयकर विभाग ने मुंबई में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के यहां छापा मारा, जो दो दिन चलता रहा। आयकर विभाग ने उनकी 50 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। इसकी जांच में जल्दी ही ईडी भी शामिल होगी। इसके बाद सप्ताहांत में शांति रहे। नए हफ्ते में फिर कार्रवाई शुरू होगी। गौरतलब है कि 11 अक्टूबर को ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिए बुलाया है और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भी नया समन जारी होना है। क्योंकि वे पिछले पांच समन पर हाजिर नहीं हुए हैं।