भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर कहा है कि वह विधानसभा चुनाव की तारीख बदले। भाजपा का कहना है कि एक अक्टूबर को मंगलवार है उस दिन चुनाव की वजह से छुट्टी होगी और अगले दिन बुधवार को दो अक्टूबर की वजह से राष्ट्रीय छुट्टी होगी। उससे पहले 28 और 29 सितंबर को शनिवार और रविवार की वजह से छुट्टी होगी। सो, अगर सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोग 30 सितंबर यानी सोमवार की छुट्टी कर लें तो वे सप्ताहांत को 28 सितंबर से दो अक्टूबर तक कर सकते हैं और पांच दिन की छुट्टी में बाहर घूमने चले जाएंगे। इससे मतदान का प्रतिशत बहुत गिर जाएगा। दिल्ली और आसपास के राज्यों में कई बार ऐसा हो चुका है कि लंबे सप्ताहांत में चुनाव आया तो लोग बाहर चले गए और मतदान प्रतिशत कम हुआ।
तभी चुनाव आयोग से यह अनुरोध किया गया था कि वह सप्ताह के मध्य में मतदान कराए ताकि लोग छुट्टी नहीं ले सकें। यही कारण है कि हरियाणा में मंगलवार को मतदान का दिन रखा गया। इसी तरह जम्मू कश्मीर में 18 व 25 सितंबर और एक अक्टूबर को मतदान का दिन तय किया गया ताकि बुधवार और मंगलवार को सप्ताह के मध्य में मतदान हो। परंतु ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग ने एक अक्टूबर के मतदान के दौरान पांच दिन के सप्ताहांत हो जाने की बात पर ध्यान नहीं दिया। अब भाजपा इसकी मांग कर रही है और कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। चुनाव आयोग चाहे तो यह बदलाव कर सकता है। वह जम्मू कश्मीर में 25 सितंबर के दूसरे चरण के मतदान के तुरंत बाद तीसरे चरण का और हरियाणा की सभी 90 सीटों का मतदान बाद 27, 28 या 29 सितंबर को मतदान करा सकती है। सप्ताहांत की छुट्टियों यानी 28 और 29 सितंबर को मतदान कराने में समस्या नहीं होगी क्योंकि लोगों को अतिरिक्त छुट्टी नहीं मिलेगी। हालांकि यह भी बड़ा सरोकार है कि जब लोगों की प्राथमिकता में मतदान की बजाय घूमना फिरना और छुट्टी मनाना पहले है तो किसी भी दिन मतदान रखें लोग छुट्टी ही मनाएंगे।