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कॉलेजियम पर एक बार फिर टकराव होगा

न्यायपालिका

collegium news : उच्च न्यायपालिका में जजो की नियुक्ति और तबादले के कॉलेजियम सिस्टम को लेकर एक बार फिर टकराव की संभावना दिख रही है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर से मिली नकदी के विवाद को आधार बना कर कॉलेजियम सिस्टम को टारगेट किया जाने लगा है।

सोशल मीडिया और मीडिया कांग्रेस व भाजपा दोनों के इकोसिस्टम के लोग इस बात से नाराज हुए इतनी नकदी मिलने के बाद सजा के तौर पर जज का तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट क्यों किया गया।

तभी सुप्रीम कोर्ट को स्पष्टीकरण देना पड़ा की नकदी की बरामदगी और जज के तबादले का आपस में कोई संबंध नहीं है। लेकिन यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही है। लोग जजों के नियुक्ति और तबादले के सिस्टम को निशाना बना रहे हैँ। (collegium news)

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बिल संसद में पेश नहीं (collegium news)

इस बीच उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर से एनजेएसी यानी राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की चर्चा शुरू कर दी है। वे हमेशा इस बात की तरफदारी करते रहे हैं कि कई साल पहले संसद से पास किए गए एनजेएसी बिल के आधार पर ही जजों की नियुक्ति होनी चाहिए।

हालांकि उस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था और सरकार ने दोबारा उसका बिल संसद में पेश नहीं किया। उप राष्ट्रपति चाहते हैं कि एनजेएसी का गठन हो। उनके अलावा वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भी कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाया है। (collegium news)

दिल्ली के जज के तबादले के बहाने उन्होंने इस व्यवस्था को निशाना बनाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस मामले को आधार बना कर कॉलेजियम सिस्टम को बदलने और एनजेएसी बिल को पुनर्जीवित करने का प्रयास करती है या नहीं!

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