PV Narsimha Rao and Pranab Mukharjee: जब से कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के सम्मान का मुद्दा बनाया है तब से भाजपा की ओर से कांग्रेस को और खास कर नेहरू गांधी परिवार को इस बात के लिए घेरा जा रहा है कि उन्होंने दूसरे लोगों के साथ कैसा बरताव किया था।
खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव को लेकर कई किस्म की कहानियां कही जा रही हैं। अब राव के परिवार के सदस्यों ने भी सामने आकर कांग्रेस पर सवाल उठाया है।
नरसिंह राव के एक पोते ने कहा है कि राव के निधन के बाद कांग्रेस ने उनका बड़ा अपमान किया। वे प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष रहे थे लेकिन उनका शव कांग्रेस मुख्यालय में नहीं रखने दिया गया और न दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार होने दिया गया। नरेंद्र मोदी सरकार ने उनको भारत रत्न से सम्मानित किया है।
इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा है कि उनके पिता के निधन पर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक नहीं की गई थी और न आधिकारिक शोक प्रस्ताव मंजूर किया गया था।
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जब कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि राष्ट्रपति किसी पार्टी का नहीं होता है और इसलिए कांग्रेस ने उनके लिए शोक प्रस्ताव पास नहीं किया तो शर्मिष्ठा ने अपने पिता की डायरी के आधार पर दावा किया कि केआर नारायणन के निधन पर कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्लसी की विशेष बैठक हुई थी और शोक प्रस्ताव मंजूर किया गया था।
प्रणब मुखर्जी के निधन पर सोनिया गांधी ने एक निजी चिट्ठी शर्मिष्ठा को भेजी थी लेकिन कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं किया गया।(PV Narsimha Rao and Pranab Mukharjee)
ऐसा लगता है कि परिवार, जिसको पसंद नहीं करता है उसके निधन के बाद भी उसके प्रति अपनी भावनाएं छिपाता नहीं है। यह परंपरा पंडित नेहरू के समय से चल रही है।
उन्होंने दो बार राष्ट्रपति रहे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को रिटायर होने के बाद दिल्ली में नहीं रहने दिया था और पटना में उनके निधन के बाद नेहरू अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं गए थे।
राजेंद्र प्रसाद की पौत्री ने हाल ही में कहा कि नेहरू यह भी नहीं चाहते थे कि तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन पटना जाएं और राजेंद्र बाबू के अंतिम संस्कार में शामिल हों,
जबकि राजेंद्र बाबू ने सरकार की सिफारिश के बगैर, अपनी पहल पर नेहरू को भारत रत्न दिया था। कांग्रेस के नेता बार बार इसका जिक्र करते हैं कि नेहरू ने खुद ही भारत रत्न नहीं ले लिया था, बल्कि राजेंद्र प्रसाद ने उनको दिया था।