Delhi Election 2025: राजधानी दिल्ली के चुनाव में आम आदमी पार्टी को अगर बढ़त है तो वह सिर्फ इस वजह से है कि उसके पास अरविंद केजरीवाल का चेहरा है और साथ ही दूसरे कई स्थानीय नेता हैं, जिनका चेहरा दिल्ली के लोगों के लिए जाना पहचाना है।
मनीष सिसोदिया से लेकर आतिशी और राघव चड्ढा से लेकर दुर्गेश पाठक, सोमनाथ भारती जैसे अनेक नेता हैं, जो दशकों से दिल्ली में आप के चेहरे के तौर पर लोगों के मन मस्तिष्क में हैं।
कांग्रेस और भाजपा के पास ऐसे चेहरों की कमी है। भाजपा बहुत जोर शोर से चुनाव लड़ रही है और उसने देश भर के बड़े नेताओं को दिल्ली के चुनाव प्रचार में उतारा है।(Delhi Election 2025)
लेकिन उसके पास बताने को नहीं है कि मुख्यमंत्री का दावेदार कौन है। अगर मुख्यमंत्री दावेदार को छोड़ भी दें तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष या किसी और नेता का चेहरा ऐसा नहीं है, जिसे पूरी दिल्ली में लोग जानते हों।
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भाजपा ने वीरेंद्र सचदेवा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था, लेकिन बाद में उनको पूर्णकालिक कर दिया गया। उनकी पहचान पूरी दिल्ली में नहीं है। इससे पहले भाजपा ने कई प्रयोग किए।
मनोज तिवारी, सतीश उपाध्याय जैसे प्रवासी नेता अध्यक्ष बनाए गए थे। परंतु भाजपा के लिए सबसे अच्छा समय वही था जब डॉक्टर हर्षवर्धन प्रदेश अध्यक्ष थे।(Delhi Election 2025)
लेकिन उसके बाद भाजपा सभी पुराने नेताओं को एक एक करके किनारे करती गई। तभी अब उसके पास पूरी दिल्ली में पहचान रखने वाले स्थानीय नेता नहीं हैं।
सो, अब चाहे प्रचार नरेंद्र मोदी करें या अमित शाह करें या योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, अनुराग ठाकुर, पुष्कर सिंह धामी या कोई और करे।(Delhi Election 2025)
ध्यान रहे बाहरी नेताओं के प्रचार का बहुत सीमित असर होता है। स्थानीय नेता या चेहरा होने में लोगों का भरोसा ज्यादा बनता है और कार्यकर्ताओं में भी ज्यादा उत्साह पैदा होता है।