भारतीय जनता पार्टी इस बार दिल्ली का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आवास रहे छह, फ्लैग स्टाफ मार्ग यानी कथित ‘शीशमहल’ के मुद्दे पर लड़ेगी। और भी दूसरे मुद्दे होंगे लेकिन मुख्य मुद्दा यह होगा क्योंकि भाजपा को लग रहा है कि इसके दम पर वह केजरीवाल की आम आदमी वाली इमेज को पूरी तरह से खत्म कर सकती है। दिल्ली में भाजपा ने होर्डिंग्स भी लगवाए हैं, जिनमें एक तरफ केजरीवाल का पुराना वादा है कि कोई बंगला नहीं लेंगे और दूसरी ओर 50 करोड़ की लागत से जिस बंगले का रेनोवेशन होने की खबर थी उसकी तस्वीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह मुद्दा उठाया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी विस्तार से इसके बारे में चर्चा की है।
इस बीच भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक यानी सीएजी की रिपोर्ट भी सामने आ गई है, जिसने कहा है कि छह, फ्लैग स्टाफ रोड के रेनोवेशन पर 33 करोड़ रुपए खर्च हुए। उसमें बताया गया कि पहला अनुमान सात करोड़ रुपए की लागत का था, जिसमें कई बार संशोधन हुए और अंत में 33 करोड़ रुपए खर्च हुए। ध्यान रहे संचार घोटाले में एक लाख 76 हजार करोड़ के अनुमानित नुकसान की सीएजी की रिपोर्ट को लेकर ही केजरीवाल और अन्ना हजारे ने 2011 में आंदोलन किया था। अब सीएजी की रिपोर्ट उनके गले की फांस बन सकती है। केजरीवाल को भी अंदाजा था कि बंगले का मुद्दा बनेगा तभी जेल से छूटने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया तो बंगला भी खाली करके चले गए। परंतु बंगले का मामला उनका पीछा नहीं छोड़ने वाला है। भाजपा के साथ साथ कांग्रेस भी इस मुद्दे पर केजरीवाल को कठघरे में खड़ा कर रही है। कथित शराब घोटाले में जेल जाने से ईमानदार होने की और बंगले की कहानी से आम आदमी होने की केजरीवाल की छवि टूटी है, जिसका नुकसान उनकी पार्टी को चुनाव में हो सकता है।