आम आदमी पार्टी को मुस्लिम वोटों की चिंता सता रही है। खासकर उन सीटों पर, जहां आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम के मुस्लिम उम्मीदवार हैं। उन सीटों पर मुस्लिम वोट टूटने की स्थिति में भाजपा को फायदा हो सकता है। मिसाल के तौर पर भाजपा ने मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद सीट पर करावल नगर के अपने विधायक मोहन सिंह बिष्ट को उतार दिया है। वहां आप, कांग्रेस और एमआईएम से मुस्लिम उम्मीदवार लड़ रहे हैं। इसी तरह की चिंता आम आदमी पार्टी को ओखला सीट पर है तो सीलमपुर सीट पर भी है और मटियामहल में भी है। इसमें भी कांग्रेस से ज्यादा आप को एमआईएम की चिंता है। दो सीटों पर तो उसके ऐसे उम्मीदवार मैदान में हैं, जो तिहाड़ जेल में बंद है और प्रचार के लिए बाहर आने पर उनके लिए भारी समर्थन जुट रहा है।
तभी आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम वोट में असर रखने वाले नेताओं को दिल्ली में बुलाया है। समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का प्रचार इस मामले में आप की कुछ मदद कर सकता है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद आप के लिए प्रचार किया लेकिन साथ ही उत्तर प्रदेश की कैराना सीट से जीती पार्टी की युवा सांसद इकरा चौधरी को भी दिल्ली के प्रचार में उतारा। इकरा चौधरी मुस्लिम बहुल सीटों पर घूम कर आप के लिए वोट मांग रही हैं। ममता बनर्जी ने भी अपने नेताओं को भी प्रचार में उतारा है। आप नेताओं को लग रहा है कि सपा और तृणमूल के प्रचार से मुस्लिम वोट कांग्रेस की ओर जाने से रोका जा सकता है लेकिन ओवैसी की पार्टी की ओर मुस्लिम युवाओं का जो रूझान है उसे रोकना मुश्किल होगा।