राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार
AIPDM Website Banner

कांग्रेस ने गठबंधन का प्रयास ही नहीं किया

Image Source: ANI

दिल्ली में कांग्रेस पार्टी बहुत अच्छे तरीके से चुनाव लड़ रही है। पिछली बार उसने पूरा समर्पण कर दिया था। कांग्रेस ने न उम्मीदवार अच्छे चुने थे और न ठीक से लड़ी थी। इस बार उसने उम्मीदवार अच्छे चुने। उसके कई उम्मीदवार जैसे संदीप दीक्षित, फरहाद सूरी, अलका लांबा, अर्जुन भड़ाना, मुदित अग्रवाल, अभिषेक दत्त, अब्दुल रहमान, आसिम अहमद खान, जयकिशन आदि बहुत मजबूती से लड़ रहे हैं। लेकिन सवाल है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले दिल्ली में गठबंधन बनाने का प्रयास क्यों नहीं किया? जिस तरह से लोकसभा चुनाव में समूचा विपक्ष एकजुट होकर लड़ा वैसा कुछ करने का प्रयास कांग्रेस ने क्यों नहीं किया? क्या कांग्रेस ने पहले ही मान लिया था कि विपक्षी पार्टियां उसके साथ नहीं आएंगी? अगर कांग्रेस की यह सोच है कि किसी तरह से आप को हराना है ताकि उसे हर राज्य में पहुंच कर कांग्रेस का वोट काटने से रोका जा सके तो उसने इसके लिए पहल क्यों नहीं की?

सोचें, अगर कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं से बात की होती और एक गठबंधन बन गया होता तो क्या तस्वीर होती? कांग्रेस के पास दिल्ली की आधी सीटों के लिए मजबूत उम्मीदवार नहीं हैं। वह आधी नहीं तो 20 सीटें भी विपक्ष को देती तो लालू प्रसाद की पार्टी राजद, शरद पवार की एनसीपी, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टियों से तालमेल कर सकती थी। सोचें, अगर ये पार्टियां एक साथ लड़ रही होतीं तो दिल्ली में अभी क्या सीन होता? हो सकता है यह प्रयास कामयाब नहीं होता क्योंकि कांग्रेस के उभार को प्रादेशिक पार्टियां अपने लिए भी खतरा मानती हैं या कांग्रेस ने महाराष्ट्र से  लेकर हरियाणा तक में सपा को भाव नहीं दिया तो वह क्यों साथ में आती। लेकिन शरद पवार और लालू प्रसाद से तो बात हो सकती थी। दिल्ली में प्रवासी वोटों पर इसका असर होता। नीतीश और चिराग की पार्टी एनडीए में है और एक एक सीट पर लड़ रहे हैं। ऐसा गठबंधन कांग्रेस भी कर सकती थी। लेकिन उसने इस तरह का कोई प्रयास नहीं किया। सो, राजद दिल्ली में नहीं लड़ रही है और कम्युनिस्ट पार्टियां छह सीटों पर अलग लड़ रही हैं।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *