delhi election 2025: कांग्रेस पार्टी ने बड़े जोर शोर से राहुल गांधी के दिल्ली में प्रचार अभियान का कार्यक्रम जारी किया था। बताया गया था कि वे लगातार तीन दिन तक जनसभा को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस ने बताया था कि 22, 23 और 24 जनवरी को राहुल गांधी की सभाएं होंगी। इससे पहले राहुल ने सिर्फ एक जनसभा की थी और वह चुनाव की घोषणा के बाद किसी भी पार्टी के किसी राष्ट्रीय नेता की पहली सभा थी।
उसके बाद राहुल ने कुछ हिस्सों का दौरा किया, दिल्ली के लोगों से मुलाकात की और उसके वीडियो शेयर किए। लेकिन ऐन 22 जनवरी को पहली सभा से पहले उनकी सेहत खराब हो गई।(delhi election 2025)
हालांकि कांग्रेस की ओर से इस बारे में कुछ कहा नहीं गया। यह बात तभी सामने आई, जब 22 जनवरी को उनकी रैली में ऐलान हुआ कि वे नहीं आ रहे हैं।(delhi election 2025)
उसके बाद उनकी आगे की दोनों दिन की रैलियों में भी वे शामिल नहीं हुए। कहीं काजी निजामुद्दीन तो कहीं इमरान प्रतापगढ़ी भाषण कर रहे थे। राजस्थान के नेता सचिन पायलट भी प्रचार में उतरे।
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लेकिन कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रचार में नहीं भेजा। कांग्रेस के कई नेताओं ने इस पर हैरानी जताई। उनका कहना था कि दिल्ली में कांग्रेस 10 साल के बाद लड़ती दिख रही है।
अगर ठीक से चुनाव लड़ा जाए तो कांग्रेस न सिर्फ खाता खोल सकती है, बल्कि वोट प्रतिशत भी 10 फीसदी से ऊपर ले जा सकती है। कांग्रेस ने लड़ाई की शुरुआत भी अच्छी की थी।(delhi election 2025)
लेकिन अचानक शिथिल पड़ गई। प्रियंका गांधी वाड्रा बेलगावी रैली में तो गईं लेकिन राहुल की तीन दिन की रैलियों में से एक दिन भी उनकी भरपाई के लिए प्रियंका की सभा नहीं हुई।
इसका मैसेज अच्छा नहीं गया है। कांग्रेस का मोमेंटम कमजोर हुआ है।(delhi election 2025)