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भाजपा की कम्युनिकेशन रणनीति पर सवाल

राजधानी दिल्ली में शुक्रवार की सुबह भीषण बारिश हुई। 88 साल का रिकॉर्ड टूट गया। इस बारिश में पूरी दिल्ली डूबी और पांच लोगों की मौत हुई। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल एक पर पार्किंग एरिया की छत गिरने को लेकर हुई, जिसमें एक टैक्सी ड्राइवर की मौत हो गई। जैसे ही यह घटना हुई कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले इसका उद्घाटन किया था। बाद में नागरिक विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि इसका निर्माण 2008 में हुआ था, जब कांग्रेस की सरकार थी। सरकार की ओर से सूत्रों के हवाले से भी यह बात सभी मीडिया समूहों को बताई गई थी। तभी बिल्कुल एक जैसे ट्विट कई मीडिया समूहों और पत्रकारों ने किए।

लेकिन कम्युनिकेशन की यह रणनीति उलटी पड़ गई। भाजपा के समर्थकों ने भी सोशल मीडिया में इस पर सवाल उठाए। कहा गया कि भले 2008 में कांग्रेस के समय इसका निर्माण हुआ हो लेकिन 16 साल बाद अगर छत गिरी है तो उसकी जिम्मेदारी मौजूदा सरकार की होनी चाहिए क्योंकि हवाईअड्डों के रखरखाव का जिम्मा उसका है। भाजपा समर्थक और विरोधी दोनों यह पूछ रहे थे कि क्या राष्ट्रपति भवन में कुछ हो जाए तो अंग्रेजों को जिम्मेदार ठहराएंगे और लाल किले की दिवार गिर जाए तो शाहजहां पर ठीकरा फोड़ेंगे? ऐसे तो कहा जाता है कि 2014 से पहले कुछ नहीं हुआ और अब एयरपोर्ट की छत गिरी तो कहा जा रहा है कि यूपीए सरकार ने बनवाया था। इस बीच साजिश थ्योरी भी आ गए, जिसके प्रचारकों का कहना है कि इस घटना के बाद जीएमआर से दिल्ली हवाईअड्डा लेकर अपने पसंदीदा कारोबारी को देने में आसानी होगी।

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