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ट्रोलिंग के डर से घबराई दिल्ली सरकार

New Delhi, Jun 10 (ANI): Delhi Chief Minister Rekha Gupta addresses a press conference, at BJP Office in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo/Ishant Chauhan)

सोशल मीडिया में ट्रोलिंग एक राष्ट्रीय आपदा बनती जा रही है। ट्रोलिंग की वजह से लोगों के डिप्रेशन में जाने और खुदकुशी करने तक की घटनाएं हुई हैं। मामूली बात पर ट्रोल आर्मी किसी के पीछे पड़ जा रही है। लेकिन यह बात व्यक्तियों के संदर्भ में महामारी है लेकिन क्या कोई सरकार, पार्टी या नेता भी ट्रोलिंग से घबरा कर फैसले बदल सकता है? दिल्ली में कुछ दिन पहले यह देखने को मिला की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को आवंटित हुए दो बंगलों के रेनोवेशन के लिए 60 लाख रुपए का टेंडर जारी हुआ था। यह सीएम आवास और कैम्प ऑफिस के रेनोवेशन के लिहाज से बहुत मामूली रकम है। लेकिन इस पर ट्रोलिंग शुरू हो गई और दिल्ली सरकार ने  घबरा कर फैसला वापस ले लिया।

अब दिल्ली की मुख्यमंत्री का फोन डेढ़ लाख रुपए में खरीदा जाना है तो उसके लिए ट्रोलिंग शुरू हो गई है। सोचें, सीएम डेढ़ लाख रुपए का फोन नहीं रख सकता है? पिछली सरकार के मंत्री हफ्ते के हिसाब से आईफोन बदला करते थे, जिसकी सुनवाई अदालत में भी हुई। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने डेढ़ सौ से ज्यादा आईफोन बदले जाने की जानकारी दी थी। लेकिन आज मुख्यमंत्री के लिए एक डेढ़ लाख का फोन खरीदा जाना है तो उस पर ट्रोलिंग हो रही है! सबसे हैरानी की बात यह है कि आम आदमी पार्टी के साथ साथ भाजपा के अपने लोग भी सौ फीसदी शुचिता की मांग करने लगे हैं। ध्यान रहे आप के पास बड़ी ट्रोल आर्मी है। अरविंद केजरीवाल की सारी राजनीति सोशल मीडिया के ट्रोल्स के जरिए ही चली है। राहुल गांधी भी सोशल मीडिया के ट्रोल्स के हिसाब से राजनीति करते हैं। लेकिन दिल्ली में भाजपा के पक्के समर्थक भी चाहते हैं कि जिन चीजों के लिए भाजपा ने केजरीवाल को घेरा उन मामलों में भाजपा की सरकार सौ फीसदी शुचिता बरते।

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