अगर पूछा जाए कि भारत में सबसे ज्यादा फलता फूलता कारोबार कौन सा है तो एक संभावित जवाब गैंग बनाने का हो सकता है और इसी तरह सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर किस चीज में हैं तो उसका जवाब यह हो सकता है कि शूटर बनने में। भारत की राजधानी गैंगेस्टर्स की राजधानी बन गई दिख रही है और ऐसा लग रहा है कि हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति किसी न किसी गिरोह का शूटर है। रोज अखबारों में नए गैंग और नए गैंगेस्टर का नाम छपता है और उसकी प्रोफाइल किसी कंपनी की प्रोफाइल की तरह छपती है। उसमें बताया जाता है कि उस गैंगेस्टर ने कैसे कैसे कारनामे किए हैं, उसके ऊपर कितने मुकदमे हैं, वह इस समय किस जेल में बंद है या किस देश में रह रहा है और साथ ही यह भी छपता है कि उसके पास कितने शूटर हैं, जो उसके एक इशारे पर किसी पर भी गोली चला सकते हैं। सात सौ ज्य़ादा शूटर वाला गिरोह इस समय सबसे बड़ा है। लेकिन सौ, दो सौ शूटर्स वाले भी कई गिरोह हैं। ये शूटर्स ऐसे हैं, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता है। यही उनकी एकमात्र योग्यता होती है।
राजधानी दिल्ली में लगभग हर दिन कहीं फायरिंग होने और कहीं वसूली की धमकी दिए जाने की खबर आ रही है। पता नहीं असली बॉस यानी गैंगेस्टर को पता भी है या नहीं लेकिन उसके नाम से लोगों को धमकी भरे फोन जा रहे हैं। बिहार के एक सांसद पप्पू यादव को तीन बार अलग अलग जगहों से धमकी मिल चुकी। बिल्कुल नए लोग किसी गैंग के बॉस को खुश करने के लिए उसके नाम से धमकी दे रहे हैं। ऐसा भी होता है कि अपना नाम बनाने के चक्कर में किसी ने किसी पर गोली चला दी या हत्या कर दी और बाद में किसी बड़े गैंगेस्टर ने उसकी जिम्मेदारी ले ली। बेरोजगार नौजवानें का एक विशाल समूह दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में घूम रहा है, जिससे गैंगेस्टर्स को आसानी से कच्चा माल मिल रहा है। वे पैसे और ऐश मौज के जीवन का लालच देकर नौजवानों को फंसा रहे हैं और उनके हाथ में पिस्तौल थमा रहे हैं। मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वालों को नकद रुपए, फ्लैट और दुबई की सैर का वादा किया गया था। उसमें पकड़े गए ज्यादातर नौजवानों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।