दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी अपने गुरू अरविंद केजरीवाल के दिखाए रास्ते पर नहीं चल रही हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार के 13 मंत्रालय अपने पास रखे हैं। शिक्षा और पीडब्लुडी सहित जो मंत्रालय उनके पास बतौर मंत्री थे, वो सारे मंत्रालय उन्होंने अपने पास रखे हैं। इसके उलट केजरीवाल जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा था। वे बिना विभाग के मुख्यमंत्री थे। तभी माना जा रहा था कि जो भी नया मुख्यमंत्री बनेगा वह भी केजरीवाल के रास्ते पर चलते हुए बिना विभाग के रहेगा। आंदोलन के समय से केजरीवाल को नजदीक से जानने और आम आदमी पार्टी की गतिविधियों की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि आतिशी की अपनी मर्जी भी रही होगा लेकिन केजरीवाल के कहने पर उन्होंने सारे मंत्रालय अपने पास रखे।
असल में केजरीवाल नहीं चाहते थे कि उन्होंने जो एक अनोखी परंपरा शुरू की है उसके साथ किसी और नाम जुड़े। अगर दूसरा मुख्यमंत्री भी बिना विभाग के रहता तो केजरीवाल में क्या खास रह जाता! तभी आतिशी को मंत्रालय संभालने को कहा गया। आतिशी भी केजरीवाल और उनके ईगो को समझती हैं। इसलिए वे भी सर झुका कर सारी बातें स्वीकार कर रही हैं और पैर छूकर केजरीवाल का आशीर्वाद भी ले रही हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प के ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ की तर्ज पर ‘मेक केजरीवाल सीएम अगेन’ का नारा गढ़ा है और इसे अभियान में बदलने का फैसला किया है। अगले चार महीने उनको सरकार का या राजनीति का कोई काम नहीं करना है। वह काम केजरीवाल और उनकी टीम करेगी। अगले चार महीने आतिशी को सिर्फ अपनी निष्ठा प्रमाणित करनी है। यह साबित करना है कि वे खड़ाऊं रख कर केजरीवाल का राज चला रही हैं। यह इसलिए जरूरी है ताकि फरवरी में फिर सरकार बने तो उसमें जगह मिले।