केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद महाराष्ट्र गए और एनडीए के घटक दलों के नेताओं से मुलाकात की। शिव सेना के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और एनसीपी के नेता व उप मुख्यमंत्री अजित पवार से उन्होंने मुलाकात की।
राज्य के दूसरे उप मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता देवेंद्र फड़नवीस साथ रहे लेकिन सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला नहीं हो सका। शिंदे और अजित पवार दोनों भाजपा के प्रस्ताव पर सहमत नहीं हैं। अजित पवार अब 60 सीटों की बात तो नहीं कर रहे हैं लेकिन वे 40 सीट के प्रस्ताव पर भी तैयार नहीं हैं। तभी सीट बंटवारे का फैसला टल गया है।
बताया जा रहा है कि करीब दो सौ सीटों पर तीनों पार्टियों के बीच सहमति है। लेकिन बाकी 88 सीटों पर असली विवाद फंसा है। यह विवाद इतना बढ़ा है कि अमित शाह के सामने इस पर भी बात हुई कि कुछ सीटों पर दोस्ताना लड़ाई हो। हालांकि उन्होंने इस पर आधिकारिक रूप से सहमति नहीं दी है।
लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि यह भाजपा का ही आइडिया है कि दोस्ताना लड़ाई के बहाने शिव सेना और एनसीपी को ज्यादा सीटें दी जाएं ताकि वे उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी के वोट काट सकें। शिंदे और अजित पवार दोनों इस बात को समझ रहे हैं। तभी मामला उलझा है। अब नवरात्र शुरू होने पर यानी तीन अक्टूबर के बाद ही इस पर बातचीत होगी।