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इस बार भी उपाध्यक्ष नहीं चुना जाएगा

lok sabha 2025Image Source: ANI

lok sabha 2025: लोकसभा चुनाव के नतीजे आए सात महीने से ज्यादा हो गए हैं और 18वीं लोकसभा का दूसरा बजट सत्र चल रहा है। यह कुल मिला कर तीसरा सत्र है।

लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि सरकार इस बार भी लोकसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव कराने के मूड में है। बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को खत्म होगा।

हालांकि उससे एक दिन पहले 12 फरवरी को गुरु रविदास जयंती की छुट्टी होगी इसलिए माना जा रहा है कि सत्र के पहले चरण का समापन 11 फरवरी को ही हो जाएगा।(lok sabha 2025)

पहले चरण का जो एजेंडा सामने है उसमें उपाध्यक्ष चुनाव की कोई चर्चा नहीं है। बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से चार अप्रैल तक चलना है। जानकार सूत्रों का कहना है कि उसमें भी उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं होना है।

गौरतलब है कि आजाद भारत के इतिहास में 17वीं लोकसभा से पहले कोई लोकसभा ऐसा नहीं रही थी, जिसमें उपाध्यक्ष नहीं रहा था।(lok sabha 2025)

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पहली बार ऐसा हुआ कि पिछली लोकसभा में सरकार ने उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं कराया। ओम बिरला अध्यक्ष बने और उसके बाद पीठासीन पदाधिकारियों का एक पैनल बना दिया गया, जिसने लोकसभा की कार्यवाही का संचालन किया।

पूरे पांच साल लोकसभा बिना डिप्टी स्पीकर के रही। दशकों से यह परंपरा रही थी कि लोकसभा में डिप्टी स्पीकर और राज्यसभा में उप सभापति का पद विपक्षी पार्टी को मिलता था।(lok sabha 2025)

हालांकि बाद में इसमें कुछ बदलाव हुआ और सत्तारूढ़ पार्टियों ने विपक्ष की बजाय अपने ही गठबंधन से जुड़ी किसी दूसरी प्रादेशिक पार्टी को या सरकार से बाहर रह कर सरकार की समर्थन करने वाली किसी पार्टी को डिप्टी स्पीकर का पद देना शुरू कर दिया। इसी सिद्धांत के तहत राज्यसभा में जनता दल यू के हरिवंश को उप सभापति बनाया गया।

लेकिन पिछली लोकसभा में भाजपा को अपनी सहयोगी पार्टी या बाहर से समर्थन दे रही पार्टियों में से भी कोई नेता नहीं मिला।(lok sabha 2025)

खबर थी कि बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस को भाजपा की ओर से डिप्टी स्पीकर का पद ऑफर किया गया था लेकिन दोनों पार्टियों ने इससे इनकार कर दिया।

18वीं संसद का कार्यकाल शुरू(lok sabha 2025)

जनता दल यू को राज्यसभा में पद मिल गया था इसलिए उसे लोकसभा में नहीं मिल सकता था।(lok sabha 2025)

सरकार ने तय किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए मुख्य विपक्षी पार्टी या उसके गठबंधन की किसी पार्टी को उपाध्यक्ष का पद नहीं देना है। इसलिए उसने उपाध्यक्ष का चुनाव ही नहीं कराया।

अब 18वीं संसद का कार्यकाल शुरू हो गया है और विपक्ष की ओर से कहा जाने लगा है कि सरकार लोकसभा में उपाध्यक्ष की नियुक्ति करे। इस बार विपक्ष बहुत मजबूत है और विपक्ष के नेता चाहते हैं कि परंपरा के मुताबिक किसी विपक्षी पार्टी को डिप्टी स्पीकर का पद दिया जाए।

लेकिन सरकार इस मूड में नहीं दिख रही है। ऊपर से समस्या यह है कि इस बार सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कोई बड़ी पार्टी नहीं है।(lok sabha 2025)

जनता दल यू और टीडीपी दोनों सरकार में शामिल हो गए हैं। टीडीपी के साथ रहते जगन मोहन की वाईएसआर कांग्रेस को कोई पद दिया नहीं जा सकता है।

अन्ना डीएमके और चंद्रशेखर राव की बीआरएस का कोई सांसद लोकसभा में नहीं पहुंचा है। वैसे सरकार चाहे तो किसी सरकार में शामिल किसी सहयोगी पार्टी को भी यह पद दे सकती है।

लेकिन किसी सहयोगी पार्टी को लेकर भाजपा में यह भरोसा नहीं है कि वह हमेशा साथ रहने वाली है। इसलिए 18वीं लोकसभा भी बिना डिप्टी स्पीकर के चल रही है।(lok sabha 2025)

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By NI Political Desk

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