आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी अभी तक केंद्र सरकार के साथ रहे हैं। वे एनडीए का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उन्होंने हर मुद्दे पर केंद्र का साथ दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वे सार्वजनिक तौर पर पैर छू चुके हैं, जिसे लेकर उनके राज्य में काफी विवाद भी हुआ था। लेकिन जैसे जैसे लोकसभा और विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे उनकी दूरी बढ़ने लगी है। इसका कारण यह है कि भाजपा ने तेलुगू देशम पार्टी के संस्थापक रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एनटी रामाराव की बेटी डी पुरंदेश्वरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है और उसकी टीडीपी के साथ तालमेल की बात हो रही है। अगर टीडीपी और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी के साथ मिल कर भाजपा चुनाव लड़ती है तो जगन को खुल कर उसका विरोध करना होगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जगन मोहन ने संसद में दोनों शक्ति परीक्षणों में सरकार का साथ दिया। दिल्ली सेवा बिल पर उनके सांसदों ने राज्यसभा में सरकार की मदद की तो अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में सरकार का साथ दिया। लेकिन अब कहा जा रहा है कि अगर सरकार समान नागरिक संहिता का बिल लाती है तो जगन मोहन की पार्टी उसका समर्थन नहीं करेगी। मुख्यमंत्री जगन मोहन के हवाले से सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि वे समान नागरिक संहिता का विरोध करेंगे। यह भाजपा से दूरी दिखाने की शुरुआत है। सूत्रों के जरिए यह खबर लीक करा कर जगन की पार्टी ने भाजपा को मैसेज दिया है तो साथ ही राज्य के मतदाताओं को भी मैसेज दिया है। राज्य के मुस्लिम और ईसाई मतदाताओं को भी इससे एक मैसेज जाएगा। वाईएसआर कांग्रेस की ओर से इस तरह की बातों के बाद अब ऐसा लग रहा है कि जल्दी ही भाजपा और टीडीपी व जन सेना का तालमेल होगा।